कलेक्टर ने बनाई नई रूप रेखा …. प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर स्मार्ट बनेंगे सरकारी स्कूल
स्थानीय स्तर पर ही आम जन सहयोग व अन्य व्यवस्थाओं के तहत होगा काम
इंदौर। महानगर में अब सरकारी स्कूल भी निजी स्कूलों की तर्ज पर स्मार्ट बनेंगे। इनके निर्माण के लिए भी सरकारी मदद पर आश्रित रहने की अपेक्षा स्थानीय स्तर पर किए जाने की योजना तैयार की गई है। जल्द ही इसके लिए काम शुरू किया जाएगा।
सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों की तर्ज पर स्मार्ट बनाने के लिए कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा योजना तैयार कराई गई है। इसके तहत, नगर निगम से सरकारी स्कूलों की जानकारी जुटाई गई थी। इसमें खुलासा हुआ कि 17 स्कूलों को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है।
जिन स्कूलों को शिफ्ट किया गया है, उनके परिसरों का गलत उपयोग हो रहा है और वहां असामाजिक गतिविधियां चल रही हैं या फिर वह उजाड़ हो रहे हैं। योजना के मुताबिक, ऐसे सभी स्कूल परिसरों को या तो नीलाम कर दिया जाएगा या फिर
लीज पर दिया जाएगा। इससे मिलने वाली राशि से स्कूलों को आधुनिक एवं स्मार्ट बनाने का काम किया जाएगा।
स्कूलों के कायाकल्प के तहत नया भवन, फर्नीचर, लायब्रेरी, क्लास रूम एवं कम्प्यूटर लेब जैसी तमाम सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इससे सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले निर्धन एवं मध्यम वर्ग के बच्चों को निजी स्कूलों की तरह शिक्षा प्राप्त करने में सुविधा होगी।
यह शासकीय स्कूल हुए शिफ्ट या फिर हो गए बंद —
शहर सीमा में जो शासकीय स्कूल शिफ्ट किए गए हैं या फिर बंद हो गए हैं उनमें, 9 यशवंत गंज, 55 नृसिंह बाजार, जिंसी हाट, गडरिया मोहल्ला, बालदा कालोनी, इतवारिया बाजार, भोई मोहल्ला, कमाठीपुरा, मंजुला आश्रम, खजराना उर्दू स्कूल, 24 एमजी रोड, 6 एमजी रोड, 9% नेहरू नगर, 128 नेहरू नगर, सामुदायिक भवन रैन बसेरा, 13 नंदानगर एवं 123 एमओजी लाइन के स्कूल शामिल हैं।
236 शासकीय स्कूल हैं शहर में —
इंदौर नगर निगम सीमा में 236 सरकारी स्कूल हैं। इनमें से 38 हायर सेकंडरी स्कूल हैं तो 10 हाई स्कूल हैं। इसके अतिरिक्त, 90 माध्यमिक (मिडिल) एवं शेष 98 प्रायमरी (प्राथमिक) स्कूल हैं। कुछ स्कूलों को छोड़कर अधिकांश स्कूलों की स्थिति दयनीय है। इनके जीर्णोध्दार का प्लान तो है, लेकिन बजट नहीं होने की वजह से समस्या जस की तस है। इसी के चलते, कलेक्टर आशीष सिंह ने सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूल बनाने के लिए इस नई योजना पर काम शुरू किया है।