चैत्र मास के पहले दिन से बदल जाएगी महाकाल की दिनचर्या

-गर्मी के दिनों में सुबह की 2 आरती जल्दी होगी तो शाम की 1 आरती देरी से की जाएगी

– अब आश्वनि मास की पूर्णिमा तक यहीं क्रम चलेगा

 

दैनिक अवंतिका उज्जैन। 

चैत्र मास लगते ही पहले दिन से 24 मार्च से महाकाल की दिनचर्या बदल जाएगी। गर्मी में ज्योतिर्लिंग महाकाल की रोज होने वाली 3 आरतियों का समय भी आगे-पीछे होगा। सुबह की 2 आरती जल्दी तो शाम की 1 आरती देरी से की जाएगी। यह क्रम आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तक रहेगा। 

होली पर्व से मौसम परिवर्तन होने के साथ ही भगवान महाकाल की दिनचर्या में भी बदलाव हो जाता है। महाकाल मंदिर के पुजारी प्रदीप गुरु ने बताया कि होली के दौरान चैत्र कृष्ण की प्रतिपदा से यह बदलाव होता है जिसमें प्रतिदिन होने वाली सुबह की दो आरती द्द्योदक एवं भोग आरती व शाम को होने वाली संध्या आरती के समय में पहले से करीब आधे घंटे का अंतर आ जाएगा। 

वर्ष में दो होता है महाकाल की आरतियों के समय में परिवर्तन 

महाकाल मंदिर में होने वाली नियमित आरतियों के समय में बदलाव वर्ष में दो बार ही होता है। होली व दीपावली के दौरान इन आरतियों के समय में परिवर्तन आता है। क्योंकि इस समय में ही मौसम भी बदलते हैं। चूंकि भगवान की दिनचर्या मौसम के अनुरूप बदलती है इसलिए आरती के समय में भी बदलाव होता है। ठंड के दिनों में आरतियां जल्दी व गरमी में देरी से की जाती है। 

जाने कौन सी आरती होली पर्व से  कितने बजे होगी 

– रोज होने वाली सुबह की दद्योदक आरती अब प्रात: 7 से 7:45 बजे तक की जाएगी। 

– बाबा की भोग आरती प्रात: 10 से 10:45 बजे तक होगी। 

– शाम को होने वाली संध्या आरती सायं 7 से 7:45 बजे तक की जाएगी। 

भस्मारती, शयन आरती व संध्या पूजा समय पर ही होंगे 

रोज तड़के 4 बजे होने वाली भस्मारती, सायं 5 बजे से होने वाली संध्या पूजा और रात 10.30 बजे से की जाने वाली शयन आरती अपने समय पर ही की जाएगी। इन तीनों आरती-पूजा के समय में कोई बदलाव नहीं होगा।