शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया के लिए बनेगा अनुभव और आयु में छूट देने संबंधी नियम

 

इंदौर। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग को फरवरी के अंतिम सप्ताह की सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा निरस्त करना पड़ी, क्योंकि प्रक्रिया में अतिथि विद्वानों को अनुभव और आयु सीमा में छूट नहीं दी गई। कोर्ट में जाने के बाद अब इन शिक्षकों को भर्ती प्रक्रिया में शामिल किया जाना है। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग को निर्णय लेना है।
दो सप्ताह बीतने के बावजूद विभाग के कोई दिशा-निर्देश तय नहीं हुए हैं। इस वजह से वंचित अभ्यर्थियों को आवेदन करने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। इससे प्रक्रिया भी शुरू नहीं हुई है। आयोग की गलती का खामियाजा अभ्यर्थियों को भुगतना पड़ रहा है, जो डेढ़ साल से सरकारी कालेजों में पढ़ाने का सपना देख रहे हैं। आयोग को दो मर्तबा परीक्षा आगे बढ़ानी पड़ी है।

नियमों का पालन नहीं कर रहा आयोग

दरअसल, सहायक प्राध्यापक भर्ती और ग्रंथपाल व क्रीड़ा अधिकारी परीक्षा 2022 को लेकर शासन ने पूर्व में अतिथि विद्वान के रूप में कार्य करने वाले कालेज शिक्षकों को भर्ती में अनुभव का लाभ देने की घोषणा की थी। अनुभव के अंक और आयु सीमा में छूट देने का कहा गया, मगर आयोग ने इसका कोई पालन नहीं किया। आपत्ति के बावजूद आयोग परीक्षा करवाने पर अड़ा रहा।