मनरेगा योजना के हाल बेहाल : मजदूरों से काम तो करा लिया लेकिन भुगतान नहीं होने के कारण चक्कर काटने के लिए मजबूर

पंचायत से लेकर जनपद के लगा रहे चक्कर
दूसरा काम भी नहीं मिलने की मिल रही शिकायत

उज्जैन। जिले में मनरेगा  योजना   के तहत काम करने वाले मजदूरों को मजदूरी नहीं मिलने की जानकारी सामने आई है। बताया गया है कि जिले में मजदूरों से काम तो करा लिया गया लेकिन जब मजदूरी देने की बारी आई तो अफसरों ने बजट न होने की बात कहकर अपने हाथ खड़े कर लिए।

 बताया गया है कि मजदूर अब अपनी मजदूरी के लिए पंचायत से लेकर जनपद तक के चक्कर काट रहे है लेकिन मजदूरी देने का नाम तक नहीं लिया जा रहा है। गौरतलब है कि मनरेगा योजना केन्द्र सरकार की है और इसमें प्रदेश सरकार को केंद्र की तरफ से राशि दी जाती है ताकि योजना के तहत मजदूरों से काम कराने के बाद उन्हें भुगतान किया जा सके लेकिन बताया गया है कि कई माह से मजदूरों को मजदूरी ही नहीं मिल सकी है और ऐसे में न केवल उनका समय बर्बाद हो रहा है वहीं इस चक्कर में दूसरा काम भी नहीं मिलने की शिकायत मजदूरोंद्वारा की गई है।

इस कारण मजदूरों को राशि का भुगतान नहीं हो सका
जिम्मेदार अफसरों का यह कहना है कि केन्द्र सरकार की तरफ से प्रदेश के हिस्से की राशि का भुगतान नहीं किया गया है और इस कारण मजदूरों को राशि का भुगतान नहीं हो सका। बताया गया  है कि प्रदेश को 973 करोड़ रुपए मिलने थे, लेकिन अब तक महज 177 करोड़ रुपए ही दिया गया है। प्रदेश को अब भी मनरेगा योजना के तहत केन्द्र सरकार से 796 करोड़ रुपए लेना है। इस राशि के मिलने की प्रत्याशा में प्रदेश में मजदूरों से काम तो करा लिया गया, लेकिन जब भुगतान की बारी आयी तो अफसरों ने बजट न आने का कहकर हाथ खड़े कर दिए हैं।
बगैर पैसे कैसे मनाएंगे होली…

मजदूरों का कहना है कि करीब तीन माह तक मजदूरी करा ली गई लेकि पैसा नहीं दिया गया है और अब सामने होली जैसा त्यौहार है। बगैर पैसे होली का त्योहार हम कैसे मनाएं, यह समझ में नहीं आ रहा है। मजदूरों का यह भी कहना है कि शिवरात्रि का त्योहार भी बगैर पैसे से ही मनाया।
क्या है मनरेगा योजना
गरीब परिवारों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए मनरेगा योजना को शुरू किया गया था।   इसे राष्ट्रीय स्तर पर प्रत्येक राज्य की सरकार द्वारा  अपनाए रखा है। इस योजना के द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को रोजगार प्रदान किया जाता है। ताकि उन्हें गांव से दूर रोजगार के लिए जाना ना पड़े।  ग्राम पंचायत स्तर पर यह योजना लोगों को बहुत ही सहायता प्रदान कर रही है।