महाकाल मंदिर में बाहरी साधु श्रद्धालुओं  से परिसर में बैठकर जबरन मांगते हैं पैसे – निजी सुरक्षा एजेंसी के गार्ड भी इन्हें बाहर करने में सक्षम नहीं दिख रहे

 
दैनिक अवंतिका उज्जैन।  
महाकाल मंदिर में बाहरी साधु आकर परिसर में बैठ जाते हैं और श्रद्धालुओं से जबरन पैसे मांगते हैं। निजी सुरक्षा एजेंसी के गार्डों की जिम्मेदारी है कि इन अनाधिकृत रूप से मंदिर में बैठकर पैसे मांगने वाले साधुओं को बाहर करे। 
लेकिन गार्ड भी इन पर कोई कार्रवाई नहीं कर पाते। मंदिर प्रबंध समिति ने  क्रिस्टल कंपनी को सुरक्षा का ठेका दे रखा हैं। लेकिन कंपनी के जो गार्ड मंदिर परिसर में तैनात है वे सिर्फ अपनी सर्वार्थ सिद्धि में लगे रहते है। मंदिर परिसर की व्यवस्थाओं की तरफ उनका कोई ध्यान नहीं रहता। यहीं कारण है कि परिसर के अंदर धीरे-धीरे एक-एक कर बड़ी संख्या में साधु आकर बैठने लग गए और ये साधु श्रद्धालुओं से पैसे की मांग करते हैं। 
मोबाइल पर लोग सेल्फी 
ले रहे तो गार्ड क्या कर रहे  
मंदिर परिसर में प्रशासन ने मोबाइल के उपयोग पर प्रतिबंध लगा रखा है। इसके बावजूद हर श्रद्धालु के हाथ में मोबाइल दिख जाएगा। ये श्रद्धालु न सिर्फ मंदिर में मोबाइल ले जा रहे बल्कि उसका उपयोग भी करते देखे जा सकते हैं। बड़ा सवाल ये है कि निजी सुरक्षा गार्ड क्या ड्यूटी कर रहे हैं। उनकी जिम्मेदारी है कि वे श्रद्धालु को मोबाइल का उपयोग करने से रोके।
सुरक्षा गार्ड अक्सर झूंड बनाकर 
परिसर में बात करते रहते हैं 
निजी सुरक्षा एजेंसी के गार्ड की जिम्मेदारी है कि वह अपने पाइंट पर लगकर मंदिर की व्यवस्था बनाने में सहयोग करे। लेकिन ये गार्ड बस अपनी बात करने के लिए थोड़ी-थोड़ी देर में झुंड बनाकर एक जगह खड़े होकर टाइम पास करते देखे जा सकते हैं। मंदिर प्रशासन को सीसी कैमरों से चेक कर इन गार्डों पर कार्रवाई करना चाहिए।  
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