शहनाई की गूंज पर आचार संहिता का ब्रेक….! संचालकों ने स्थिति स्पष्ट की…तारीख आगे बढ़ाने में ही मान रहे समझदारी
अप्रैल माह में 18 से 26 तक एवं 28 तारीख को विवाह के शुभ मुर्हूत
उज्जैन। लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही आचार संहिता भी प्रभावशील हो गई है। जितने भी दिन आचार संहिता लागू रहेगी इसका परिपालन हर किसी के लिए अनिवार्य रहेगा। लिहाजा न केवल जिनके यहां वैवाहिक कार्यक्रम इस दौरान होना है उनके माथे पर तो चिंता की लकीर उभर ही आई है वहीं आचार संहिता होने से ज्यादा धूमधड़ाका भी नहीं किया जा सकता है, लिहाजा जिनके यहां चुनावी तारीखों में वैवाहिक आयोजन होना है वहां न केवल रंग फीका पड़ेगा वहीं धर्मशाला, गार्डन आदि के संचालकों के सामने भी स्थिति अब अलग हो गई है।
आचार संहिता लगने के साथ ही प्रशासनिक कसावट हो गई है और अफसरों को हर हालत में आचार संहिता का पालन कराना होगा ही। इस दृष्टि से कोई जनप्रतिनिधि ही अपना प्रभाव दिखा सकते है भी अब अपने प्रभाव का उपयोग नहीं कर सकता है। हो सकता है कि जिसने अपने यहां होने वाले वैवाहिक कार्यक्रम के लिए पहले से ही धर्मशाला या गार्डन अथवा मांगलिक परिसर की बुकिंग करा ली हो लेकिन यह भी हो सकता है कि जहां की बुकिंग हो वहां मतदान केन्द्र बना दिया जाए, लिहाजा संचालकों की यदि माने तो उन्होंने बुकिंग कराने वालों को स्थिति स्पष्ट कर दी है। इसके चलते यह भी बताया गया है कि शनिवार की शाम से ही कई लोगों ने तो अपने यहां होने वाले मांगलिक कार्यक्रमों की तारीख आगे बढ़ाने का भी फैसला ले लिया है। ऐसे लोगों का कहना है कि चुनावी माहौल में वैवाहिक कार्यक्रम की तारीख आगे बढ़ाने में ही समझदारी है। गौरतलब है कि चुनाव के चौथे चरण के तहत उज्जैन में 13 मई को मतदान होगा। ज्योतिषियों के अनुसार अप्रैल माह में 18 से 26 तक एवं 28 तारीख को विवाह के शुभ मुर्हूत है। हालांकि मई माह में शुक्र तारा अस्त होने के कारण मांगलिक कार्यों के मुर्हूत नहीं होंगे। लेकिन जिनके यहां अप्रैल के दौरान शुभ मुर्हूत में शादियां होना तय हो गइ्र है उनके सामने चिंता खड़ी जरूर हो गई है।
आचार संहिता लगने के साथ ही प्रशासनिक कसावट हो गई है और अफसरों को हर हालत में आचार संहिता का पालन कराना होगा ही। इस दृष्टि से कोई जनप्रतिनिधि ही अपना प्रभाव दिखा सकते है भी अब अपने प्रभाव का उपयोग नहीं कर सकता है। हो सकता है कि जिसने अपने यहां होने वाले वैवाहिक कार्यक्रम के लिए पहले से ही धर्मशाला या गार्डन अथवा मांगलिक परिसर की बुकिंग करा ली हो लेकिन यह भी हो सकता है कि जहां की बुकिंग हो वहां मतदान केन्द्र बना दिया जाए, लिहाजा संचालकों की यदि माने तो उन्होंने बुकिंग कराने वालों को स्थिति स्पष्ट कर दी है। इसके चलते यह भी बताया गया है कि शनिवार की शाम से ही कई लोगों ने तो अपने यहां होने वाले मांगलिक कार्यक्रमों की तारीख आगे बढ़ाने का भी फैसला ले लिया है। ऐसे लोगों का कहना है कि चुनावी माहौल में वैवाहिक कार्यक्रम की तारीख आगे बढ़ाने में ही समझदारी है। गौरतलब है कि चुनाव के चौथे चरण के तहत उज्जैन में 13 मई को मतदान होगा। ज्योतिषियों के अनुसार अप्रैल माह में 18 से 26 तक एवं 28 तारीख को विवाह के शुभ मुर्हूत है। हालांकि मई माह में शुक्र तारा अस्त होने के कारण मांगलिक कार्यों के मुर्हूत नहीं होंगे। लेकिन जिनके यहां अप्रैल के दौरान शुभ मुर्हूत में शादियां होना तय हो गइ्र है उनके सामने चिंता खड़ी जरूर हो गई है।
त्योहारों पर भी अब आचार संहिता के रंग…
चाहे इस मार्च माह के दौरान आने वाली होली धुलेण्डी हो या फिर रंगपंचमी जैसा त्योहार ही क्यों न हो इन पर आचार संहिता का रंग चढ़ गया है। गौरतलब है कि 25 मार्च को धुलेण्डी है जबकि 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि की शुरूआत होगी वहीं 17 अप्रैल को रामनवमी मनाई जाएगी। जबकि 10 मई को अक्षय तृतीया रहेगी। अक्षय तृतीया अबूझ मुर्हूत माना गया है और इस दिन सामूहिक विवाह कार्यक्रमों के साथ ही निजी स्तर पर भी वैवाहिक कार्यक्रमों की धूम रहती है।