शिप्रा नदी के घाटों पर सुरक्षा के साथ सुविधाओं का भी टोटा कपड़े बदलने के लिए लगाए गए टीन शेड भी पर्याप्त नहीं कई देखभाल के अभाव में तोड़ चुके हैं दम,रेलिंग भी नहीं लगी, आए दिन हो रहे हैं हादसे

दैनिक अवंतिका (उज्जैन) शिप्रा नदी के सभी घाटों पर सुरक्षा के इंतजाम के साथ ही यहां पर होने वाली सुविधाओं की भी कमी खल रही है यहां फैली अव्यवस्थाओं को सुधारने के लिए कोई भी सुध नहीं ले रहा है। वर्तमान में नदी के घाटों की स्थिति यह है कि घाटों पर रेलिंग भी नहीं लगी है और महिलाओं को कपड़े बदलने के लिए लगाए गए टीन शेड भी देखभाल के अभाव में दम तोड रहे है। यह महिलाओं के लिए कपड़े बदलने के लिए लगाए गए कई टीन शेड के दरवाजे टूट गए हैं और वह टूटी-फूटी अवस्था में घाट पर ही पड़े हुए हैं।इस वजह से महिलाओं को कपड़े बदलने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। या फिर स्नान के बाद महिलाएं कोने कुचाले में खुले में ही कपड़े बदलने को मजबूर है। रेलिंग भी नहीं लगी है पिछले दिनों रामघाट के समीप नरसिंह घाट की तरफ वाले कुछ घाटों पर रेलिंग लगाई गई थी। यहां लगाई गई रेलिंग घाट की सिढी के ऊपर लगा दी है इस वजह से लोग घाट पर बैठकर स्नान भी नहीं कर पा रहे हैं और कुछ जगह रेलिंग लगाकर काम रोक दिया है। रेलिंग की जगह कुछ घाटों पर पाईप लगाकर उनमें रस्सी बंदकर इति श्री कर दी है जबकि पिछले दिनों शिप्रा नदी में कई हादसे हो चुके हैं। लेकिन उसके बाद भी प्रशासन नहीं संभाला है जब भी शिप्रा नदी में लोग स्नान के लिए पहुंचते हैं तो हादसे की आशंका बनी रहती है शिप्रा नदी के घाटों पर फैली अव्यवस्था की वजह से अभी तक नदी में कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं वहीं सुरक्षा से लेकर सुविधाओं का नदी के घाटों पर हमेशा टूटा रहता है। सिंहस्थ को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा कई हजार करोड रुपए खर्च किए जाएंगे। लेकिन शिप्रा के घाटों पर फैली अव्यवस्थाओं को लेकर अभी तक कोई कार्य योजना नहीं बनी है।

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