होलाष्टक शुरू, अगले 8 दिनों तक  मांगलिक कार्य नहीं किए जा सकेंगे

– फाल्गुन शुक्ल की अष्टमी से  24 मार्च पूर्णिमा तक मुहूर्त नहीं, ये दिन जप-तप के  

 

दैनिक अवंतिका उज्जैन। 

होलाष्टक रविवार से शुरू हो गया। अब होली दहन से पूर्व के 8 दिनों तक शुभ व मांगलिक कार्य नहीं किए जा सकेंगे। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से पूर्णिमा तक विवाह, मुंडन, जनेऊ, गृह प्रवेश जैसे शुभ मांगलिक कार्यों के लिए मुहूर्त नहीं होते। 

लोग इन दिनों में शुभ कार्य नहीं करते हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पंडित अमर डब्बावाला ने बताया कि इस बार 17 मार्च से होलाष्टक लग गया जो कि 24 मार्च तक रहेगा। इस बार 24 मार्च की रात में होली जलेगी और 25 को होली खेली जाएगी। होलाष्टक के आठ दिनों में सिर्फ भगवान की पूजा-पाठ, मंत्र जप-तप आदि ही करना चाहिए।

इसलिए होलाष्टक में नहीं 

किए जाते है शुभ काम 

होली दहन से पहले के 8 दिन हिरण्यकश्यप ने पुत्र प्रहलाद को मारने के लिए कई यातनाएं दी थीं, लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से वह बचा रहा। फाल्गुन पूर्णिमा पर भाई हिरण्यकश्यप के कहने पर होलिका अपने भतीजे प्रहलाद को जलाने के लिए उसे गोद में लेकर अग्नि में जाकर बैठ जाती है, लेकिन प्रहलाद नहीं जलते, होलिका जल जाती है। इन 8 दिनों में ग्रहों की स्थिति शुभ नहीं रहती है। इसलिए लोग शुभ कार्य करने से बचते हैं।

मार्च में अब शादी-ब्याह के लिए 

मुहूर्त ही नहीं, अप्रैल में आएंगे  

मार्च में 12 तारीख तक ही शादी के लिए शुभ मुहूर्त थे। इसके बाद मुहूर्त नहीं है। होलाष्टक लगने से पहले ही मुहूर्त समाप्त हो गए। अब अप्रैल माह में 18 तारीख से 22 तक शादी के लिए मुहूर्त आएंगे।