अब महाकाल की भस्मारती में सामान्य श्रद्धालु भी वीआईपी, भस्मारती में प्रवेश के लिए कम होगी जद्दोजहद
ब्रह्मास्त्र उज्जैन
महाकाल मंदिर में हर दिन तड़के होने वाली भस्मारती में शामिल होने वाले सामान्य श्रद्धालुओं को भी अब वीआईपी श्रद्धालु होने का एहसास होगा। इसके साथ ही भस्मारती प्रवेश के लिए भी जद्दोजहद कुछ हद तक कम हो जाएगी।
दरअसल मंदिर प्रशासन ने भस्मारती के लिए प्रोटोकॉल की उन तीन सौ सीटों को सामान्य सीटों में परिवर्तित कर दिया है जो वीआईपी श्रद्धालुओं के लिए आरक्षित रहा करती थी और इसके बाद अब सामान्य श्रद्धालुओं की निर्धारित सीटों के साथ ही तीन सौ पचास अतिरिक्त सामान्य श्रद्धालुओं को भी भस्मारती में प्रवेश दिया जा सकेगा। यह सब संभव हुआ है लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण। गौरतलब है कि मंदिर में प्रोटोकॉल के तहत राजनीतिक दलों के साथ ही अफसरों आदि के लिए तीन सौ पचास सीट आरक्षित रहती है लेकिन आचार संहिता लागू होने के बाद इन सीटों को भी सामान्य सीटों में बदल दिया गया है। इससे उन सामान्य श्रद्धालुओं को भी भस्मारती में शामिल होने का मौका मिल जाएगा जिन्हें सीट पहले से ही बुक होने के कारण भस्मारती दर्शन करने से वंचित रहना पड़ता था। हालांकि यह व्यवस्था लोकसभा चुनाव परिणाम आने तक ही रहेगी लेकिन इतने दिनों तक भस्म आरती में शामिल होने के लिए होने वाली जद्दोजहद भी कुछ हद तक कम हो सकेगी। मंदिर प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद मंदिर में राजनीतिक दलों सहित अन्य प्रोटोकॉल को बंद कर दिया गया है। इसके तहत वीआईपी को दर्शन में दी जाने वाली विशेष सुविधाएं बंद कर दी गई हैं। भस्म आरती अनुमति व्यवस्था में भी कोटा सिस्टम समाप्त हो गया हैं। प्रोटोकॉल के तहत दी जाने वाली करीब 350 अनुमति को सामान्य श्रेणी में शिफ्ट कर दिया गया है। अब आम और खास भक्तों को गणेश मंडपम के प्रथम बैरिकेड्स से एक साथ दर्शन होंगे।