शहर में थमने का नाम नहीं ले रही बिजली चोरी : लाइन लॉस का आंकड़ा 46 प्रतिशत से अधिक, पंचनामा बनाने का भी काम धीमा, अब चुनावी कार्य में हो जाएगी व्यस्तता
ब्रह्मास्त्र उज्जैन
शहर में बिजली चोरी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। भले ही बिजली विभाग के अधिकारी यह दावा करते हो कि चोरी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा बावजूद इसके बिजली चोरी थम नहीं रही है। विभाग के जिम्मेदार अफसर भी यह स्वीकार करते हैं कि शहर में ही लाइन लॉस का आंकड़ा 46 प्रतिशत है। कुल मिलाकर यह आंकड़ा हमेशा इसके आस-पास ही घूमता है। कम होने का नाम नहीं लेता।
बिजली चोरी रोकने के लिए बिजली विभाग बहुतेरे प्रयास करता है और टीम को भी मैदान में उतारा जाता है लेकिन हालात यह होते है कि कई जगह तो ऐसी भी होती है जहां बिजली चोरी रोकने के प्रयास विफल हो जाते हैं, क्योंकि या तो कर्मचारियों को अंदर तक घुसने नहीं दिया जाता या फिर विवाद होता है और इसके चलते चोरी पकड़ने के लिए गई टीम के सदस्यों को बैरंग ही लौटना पड़ता है। अफसरों की यदि माने तो लाइन लॉस का आंकड़ा 46 प्रतिशत तक ही बना हुआ है। सबसे अधिक बिजली चोरी होती है तंग बस्तियों के साथ ही ग्रामीण अंचलों में।
लॉस का आंकड़ा बढ़ सकता है
इधर बिजली विभाग के अधिकारियों का यह भी कहना है कि बिजली चोरी रोकी जा रही है और पंचनामा भी बनाए जाते हैं लेकिन सूत्रों का यह कहना है कि पंचनामा बनाने काम धीमा है क्योंकि जो टारगेट दिया जाता है वह टीम पूरा नहीं करती है। बताया यह भी जाता है कि यदि बिजली चोरी पकड़ने के लिए टीम मैदान में उतरती भी है तो सुबह से लेकर शाम तक महज दो तीन जगह ही पहुंचा जाता है और स्थिति फिर वहीं की वहीं रह जाती है। हालांकि अब लोकसभा चुनाव होने के कारण विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की व्यवस्तता बढ़ जाएगी और बिजली चोरी रोकने जैसे कार्रवाई ठप हो जाएगी। ऐसी स्थिति में लाइन लॉस का आंकड़ा पचास प्रतिशत के आस-पास भी पहुंच सकता है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
बिजली चोरी पकड़ने के लिए टीम काम कर रही है। लाइन लॉस का आंकड़ा अभी की स्थिति में 46 प्रतिशत है। बिजली चोरी करने वालों पर और अधिक सख्ती की जाएगी।
सतीश कुमरावत, कार्यपालन यंत्री शहर संभाग