खुसूर-फुसूर अब वो चार बार जाने लगी…
खुसूर-फुसूर
अब वो चार बार जाने लगी…
दैनिक अवंतिका उज्जैन
पहले वो बराबर पूरे समय साथ रहती थी। अब वो शहर के पूरे छोर में ही तीन से चार बार जाने लगी है। गर्मी आते ही उसकी राहत के लिए बहुत जरूरत पढने लगती है और वो भी गर्मी में ही तीन से चार बार शहर के विभिन्न जोन में जाने आने का क्रम इख्तियार कर लेती है। ग्रामीण क्षेत्र में तो हाल और भी बूरे हैं। ग्रामीण रहवासियों को कहा जाता है कि वो खेत पर गई है और खेत वाले को ग्रामीण रहवासियों के यहां जाने की जानकारी दी जाती है। जबकि वो दिन में न कई बार दोनों ही जगह से गायब रहने लगी है। इधर शहर में भी सुबह के समय एक दो बार आधा एक घंटा गायब होने लगी है और तो और दिन और शाम से रात तक एक दो बार गायब हो जाती है। शहर के सभी हिस्सों में यह अलग-अलग समय गायब की जा रही है। खुसूर –फुसूर है कि अभी तो शुरूआत है आगे –आगे देखते जाईए गर्मी बढने के साथ ही इसका यह क्रम बढता जाएगा । चुनाव गर्मी मध्य में निपट जाएंगे उसके बाद जून में यह आम उपभोक्ता का पसीना निकालेगी। व्यवस्था में उसके संधारण के नाम पर वो गायब की जाएगी। मानसून आगमन के नाम पर घंटों गायब रहेगी। कई घंटों तक आम का पसीना बहाया जाएगा। मीटर किराया पूरा लगाया जाएगा। प्रति युनिट बिल बढाया जाएगा।