प्राचीन धरोहर कालियादेह महल वर्षों से पड़ा है खंडहर देखरेख के अभाव में कई उज्जैन की धरोहर तोड़ रही है दम
दैनिक अवंतिका उज्जैन
उज्जैन।शहर में कई ऐसी प्राचीन धरोहर है जिसे दर्शनीय स्थल बनाया जा सकता था जिनमें से एक कालियादेह महल है जो कि वर्षों से खंडहर पड़ा हुआ है और कई बार इसे सरकार पर्यटकों के लिए मूर्त रूप दिया जाने वाला था लेकिन यह प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई और वर्तमान में अभी भी कलियादेह महल पुरानी स्थिति में है। उज्जैन बाबा महाकाल की नगरी है। यहां देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु रोज दर्शन के लिए उज्जैन पहुंचते हैं। महाकाल लोक बनने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में कई गुना बढ़ोतरी हो चुकी है उज्जैन में कई ऐसी प्राचीन धरोहर है। जो देखरेख के अभाव में दम तोड़ रही है। लेकिन इन प्राचीन धरोहर को बचाने के कोई प्रयास नहीं किया जा रहे हैं उज्जैन का कालियादेह महल और कालियादेह क्षेत्र हजारों वर्ष पुरानी प्राचीन विरासतों को आज भी समेटे हुए हैं। यहाँ की सुंदरता इतनी है कि विशेषकर वर्षा ऋतु में यहाँ लोग घूमना फिरना बेहद पसंद करते हैं। ऐतिहासिक महल की प्राचीन गाथा जो कि कई ऐतिहासिक पन्नो पर आज भी सुनाई जाती है और दिखाई देती है। इस स्थान को अगर केंद्र सरकार के माध्यम से मध्य प्रदेश सरकार पर्यटन ग्राम घोषित करे
तो यह स्थान विश्व भर के पर्यटकों को बेहद पसंद
आएगा। कालियादेह क्षेत्र को मालवा की परंपरा अनुसार सजाया और संवारा जा सकता है और युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। पिछले कई वर्षों से कालियादेह महल खंडहर व वीरान पड़ा हुआ है। यहां पर सामाजिक तत्वों का जमघट लगा रहता है। बारिश में जरूर यहां पर चहल पहल रहती है लेकिन अन्य दिनों में यहां पर कोई नहीं जाता है। और रात में तो यह असामाजिक तत्वों का अड्डा बन जाता है लेकिन कालियादेह महल को संवारने के लिए अभी तक कोई प्रयास नहीं किए गए हैं।