उज्जैन के साधु-संतों को शिप्रा में मिला कीचड़, केमिकल
– शासन, प्रशासन झूठ बोल रहा है कि शिप्रा साफ है – आज सुबह 9 गाड़ियों से 50 से अधिक लोग का प्रतिनिधिमंडल देवास, इंदौर क्षेत्र में निरीक्षण करने निकला
ब्रह्मास्त्र उज्जैन। शिप्रा शुद्धिकरण की मांग को लेकर धरना देने वाले साधु संत आज बुधवार की सुबह 9 गाड़ियों में 50 से अधिक लोगों के साथ सवार होकर शिप्रा की असलियत जानने निकले तो नजारा देखकर सभी दंग रह गए। उज्जैन के बाहर निकलते ही शिप्रा में कीचड़ व फैक्ट्रियों का जहरीला केमिकल मिलते हुए साफ दिखाई दिया।
अधिकांश जगह शिप्रा गंदी हो रही है और बड़े बड़े नाले मिल रहे हैं। प्रतिनिधि मंडल में महंत डॉ. रामेश्वर दास महाराज, महामंडलेश्वर ज्ञान दास महाराज, काशी दास महाराज, श्री क्षेत्र पंडा समिति के अध्यक्ष तीर्थ पुरोहित पंडित राजेश त्रिवेदी, महाकाल मंदिर के पुजारी महेश गुरु, वरिष्ठ समाजसेवी गोविंद खंडेलवाल सहित पूरा प्रतिनिधिमंडल उज्जैन से आज सुबह गाड़ियों में रवाना हुआ। सबसे पहले यह लोग पंथपिपलाई पहुंचे जहां शिप्रा की हालत देखकर सभी आश्चर्य में पड़ गए कि शासन, प्रशासन के अधिकारी सब झूठ बोल रहे हैं। बार-बार उनसे आकर कहते हैं कि शिप्रा साफ है और इसकी सफाई के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं और कई योजनाएं चल रही है। जबकि हकीकत कुछ और ही है। आने वाले समय में शिप्रा कल कल बहेगी और शुद्ध भी हो जाएगी। लेकिन ठीक इसके विपरीत शिप्रा की हालत बहुत ही खराब हो रही है। संतों ने यह नजारा देख शासन-प्रशासन के प्रति खूब नाराजगी व्यक्त की और कहा कि अब सहन नहीं किया जाएगा और ना ही किसी की बात सुनेंगे बड़ा आंदोलन ही होगा। लौटने के बाद इसकी पूरी रणनीति बनेगी। उल्लेखनीय है कि शिप्रा की शुद्धि के लिए इन्हीं संतो ने दत्त अखाड़ा घाट के पास बैठकर 5 दिन तक लगातार धरना दिया था। इसके बाद शासन के प्रतिनिधि के रूप में मंत्री तुलसी सिलावट व अन्य मंत्रियों ने मौके पर पहुंचकर हाथ जोड़कर यह विनती की थी कि वह धरना समाप्त कर दें और शिप्रा के लिए शासन, प्रशासन लगातार काम कर रहा है, कई योजनाएं भी चल रही है। आने वाले समय में इसका लाभ मिलेगा। लेकिन यह बात संतो को झूठी लग रही है क्योंकि आज सुबह उन्होंने खुद मौके पर जाकर जो दृश्य देखा वह तो भयानक है। ऐसे में यह तो स्पष्ट हो गया कि शिप्रा शुद्ध नहीं है।