हाई स्कूल ढकोरा में मनाया गया विश्व गौरैया दिवस
ब्यावरा। विश्व गौरैया दिवस को गौरैया के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से 20 मार्च को मनाया जाता है। प्रिंसिपल शिवचरण दागी जितेंद्र शाक्यवार ने बच्चों को मार्ग दर्शन देते हुए बताया कि कम हो रही गौरैया की चहचहाटआज से लगभग 15 साल पहले तक नन्ही सी चिडि?ा गौरैया सुबह सवेरे ची-ची, चूं-चूं करती दिखाई दे जाती थी, लेकिन आज लोग इसकी आवाज तक सुनने को तरस रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में यह चिडि?ा बड़ी संख्या में पाई जाती थी, लेकिन खेतों में रसायनिक दवाओं के उपयोग के कारण यह चिडि?ा बेमौत मरने लगी। बच्चे, युवा और प्रकृति के प्रति उत्साही लोगों को गौरैया से प्रेम करने और उनकी देखभाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। क्योंकि गौरेया हमारी फसलों को भी कीड़ों से बचाती है. गौरैया को वापस बुलाने के लिए प्रयास किए जा सकते है जैसे घर की छत पर दाना, पानी रखें जा रहे है और घर के आस-पास पेड़-पौधे लगाएं, क्योंकि यही गौरैया का प्राकृतिक परिवेश है.शिक्षका इन्दिरा कुशवाहा ने बताया कि गौरैया को बचाने के लिए हमने घर पर ही बेकार डिब्बों अनुउपयोगी चीजो से चिड़िया के घौसले बनाए मार्च से लेकर मई तक हमारा प्रयास रहता है कि हम इन बेजुबान जीव जंतु के लिए दाना पानी का संरक्षण करने का प्रयास करते है ओर प्रतिदिन चिड़ियों को दाना भी डालते है ।
ओर चीड़िया दाना चुगने भी आती है इसी उद्देश्य के तहत हाई स्कूल ढकोरा में आज शिक्षक शिक्षिकाओं ओर स्टूडेंट्स ने गौरैया के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए प्रतिदिन पक्षियों को दाना पानी ओर.चिडि?ा का घोसला बनाकर.छाया दार पेडों पर बाँधकर उनकी संरक्षण करने का संकल्प लियाइस अच्छे कार्य मै.प्रिंसिपल शिवचरण दांगी जितेंद्र शाक्यवार इंदिरा कुशवाह कांति वर्मा आराधना भरथरे विधा कुशवाह विशाल भैय्या का विशेष सहयोग रहा