पंचायतों के पास नहीं है आग बुझाने के साधन हर साल लाखों की फसल होती जलकर खाक

सारंगपुर। ग्राम पंचायतो के पास इतने संसाधन नहीं है कि वह आग की घटना को तत्काल ही काबू में कर सके। फल स्वरुप आग लगने पर ग्रामीणों को लाखों रुपये का नुकसान उठाना पडता है। आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए पंचायत और जनपद पंचायतों में पर्याप्त संसाधन नहीं है। पानी के टैंकर भी अधिकांश पंचायतों में खराब पडे हैं और न तो उनके पास ट्रेक्टर है और इंजन ही नहीं लगे हैं। मजबूरन ग्रामीण आगजनी की घटना होने पर नगर परिषदो की दमकलों को बुलाते हैं।
नगर परिषद की दमकल के भरोसे
सारंगपुर में करीब 200 ग्राम आते है। जो कि 98 ग्राम पंचायतो में विभाजित है। ग्राम पंचायत के पास आग काबू में करने के साधन नही है। नगर परिषद सारंगपुर और पचोर परिषद के पास दमकल है। जो कि नगर व अंचल के खेत, खलियानो व मकानो में लगने वाली आग को काबू में करने के लिए मौके पर पहुंचती है। परेशानी उस समय होती है जब एक ही समय में दो विपरीत दिशाओं में एक साथ आग लग जाती है। लेकिन दमकल एक ही स्थान पर पहुंच पाती है।
सारंगपुर तहसील को राजस्व विभाग के द्वारा कार्यो की सुविधा की दृष्टि से 3 सर्किल में विभाजित किया गया है। बनाए गए संडावता, पाडल्यामाता और सारंगपुर राजस्व सर्किंल में से प्रत्येक सर्किल में प्रशासन या जन प्रतिनिधियो के द्वारा एक-एक दमकल की व्यवस्था की जा सकती है। जिससे काफी सुविधा होगी।
हर साल होती है लाखों की फसल बर्बाद
ग्रामीण उत्तम सिंह मकवाना का कहना है कि क्षेत्र में प्रत्येक वर्ष आगजनी की घटनाए होती है। सारंगपुर और पचोर शहरों से दमकल आने में समय लगता है, तहसील में 3 राजस्व सर्किल है प्रत्येक राजस्व सर्किल में एक एक दमकल की व्यवस्था सांसद, विधायक निधि या प्रशासन स्तर पर हो जाए तो आग लगने पर उसे जल्द ही काबू किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि गर्मी के मौसम में हर वर्ष गेहूं की फसल, नरवाई व जंगल, घरों में आग लगने के मामले सामने आते हैं। जिससे किसानों को लाखों की आर्थिक क्षति के अलावा बेशकीमती पर्यावरण को नुकसान होता है। पिछले दिनो ही धामंदा में एक किसान की खेत में गेहूं की उपज जल गई थी।

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