निगम की अनदेखी : कई हाईराइज बिल्डिंगों में अग्निशमन यंत्र ही नहीं, हादसा होने के बाद नींद से जागते हैं जिम्मेदार अधिकारी

 

 

इंदौर। शहर में कई ऐसी ऊंची इमारतें हैं, जो कमर्शियल के साथ रहवासी भी हैं। इनमें कुछ इमारतों में प्रत्येक बिल्डिंग पर एक-एक तो कुछ में अग्निशमन यंत्र नहीं है। निगम और जिला प्रशासन की अनदेखी से हादसे होते हैं। हादसे के बाद सुस्त पड़े जिम्मेदार लोग जाग्रत होकर आदेश जारी कर कर्तव्यों की इतिश्री कर लेते हैं। इंडस्ट्री हाउस में अग्निशमन यंत्र था, लेकिन उसका उपयोग करने से पहले आग ने भयावह रुप धारण कर लिया, जिससे लोग जान बचाकर भाग निकले।
महानगर की ओर कदम बढ़ा रहे शहर में हर वर्ष आगजनी की घटनाएं होती है। इन घटनाओं के बाद आग पर नियंत्रण करने दमकलें आती है। आग की किसी भी घटना में अग्निशमन यंत्र का उपयोग नहीं होता है। कई बिल्डिंगों में यह यंत्र दिखावा मात्र बनकर रह गए। कुछ बिल्डिंगों में यंत्र के उपयोग करने की समय सीमा तक खत्म हो चुकी है। समय सीमा को लेकर बिल्डिंग संचालक गंभीर नहीं है। संचालक केवल एनओसी लेकर जिम्मेदारी से मुक्त हो जाते हैं।

यह रहता है मानक —

• बिल्डिंगों में रहवासी,

• यंत्र की अवसान तिथि का ध्यान रखना चाहिए।

यंत्र की नली में टूट फूट या लीकेज की जांच होना चाहिए।

• हर साल प्रशासन के अमले को जांच करना चाहिए।

• जिस कार्यालय के बाहर यंत्र लगा है, उसके मालिक को प्रशिक्षित होना चाहिए।

अब तक यह होता रहा —

• पुरानी बिल्डिंगों को छोड़ दिया जाए तो कमोबेश हर नई ऊंची इमारतों में यंत्र लगे हुए हैं।

• आग लगने पर रहवासी, दुकानदार और व्यापारी जान बचाने भाग निकलता है।

• यंत्र से बड़ी आग पर काबू नहीं पाया जा सकता।

बड़ी आग बुझाने में दमकलें भी

व्यावसायिक प्रतिष्ठान के मान से छोटे बड़े यंत्र हर फ्लोर पर होना चाहिए।

• यंत्र के संचालन के लिए प्रशिक्षित व्यक्ति की नियुक्ति होना चाहिए।

 

न जांच, न कार्रवाई —

फडनीस काम्प्लेक्स, सिटी सेंटर, सिटी प्लाजा, झाबुआ टॉवर, सपना संगीता रोड, उषा नगर, द्वारकापुरी, विजयनगर क्षेत्र में कई हाईराइज बिल्डिंग हैं। जहां सैकड़ों दुकानें-आफिस संचालित होते हैं। बिल्डिंगों में अग्निशमन यंत्र नहीं है। इन बिल्डिंगों से निगम टैक्स वसूलता है, लेकिन जांच और कार्रवाई के नाम पर चुप्पी साधे बैठा रहता है। यही कारण है कि यंत्र लगाने वाले इसके प्रति गंभीर नहीं है।
नगर निगम के फायर सिस्टम प्रभारी विनोद मिश्रा का कहना है कि यंत्रों को लेकर समय-समय पर जांच होती है। जिन बिल्डिंगों में यंत्र नहीं है, उनका सर्वे कर नोटिस जारी किया जाएगा। जबकि, फायर ब्रिगेड के एसपी शशिकांत कनकने बताया कि हाईराइज बिल्डिंगों में लगने वाली आग बुझाने के लिए शीघ्र ही नई हाइड्रोलिक मशीन खरीदी जाएगी। इसके टेंडर हो चुके हैं। फायर ब्रिगेड का काम आग बुझाना है, यंत्र का रखरखाव बिल्डिंग मालिक और निगम के जिम्मे है।