दलबदल से भाजपा कांग्रेस के कुनबे में कर रही भय पैदा, जीतू पटवारी को बनाया जा रहा मोहरा, राजनीति में नेताओ की प्रवृत्ति विश्वास लायक नही

 

 

आज बची हुई सीटो पर कांग्रेस के उम्मीदवारों की तस्वीर हो जायेगी साफ

इंदौर। राजनीति के अंतर्गत नेता दल बदल को लेकर इतने सक्रिय हो गए है कि उन्हें अपनी मर्यादा तोड़ने के साथ अपनी मातृ संस्था से पल्ला छुड़ाना भी गलत नही लगता है। ऐसे में कांग्रेस के जीतू पटवारी को बदनाम करने की भी साजिशे रची जा रही है, जबकि हकीकत तो यह है की 2018 में ही सरकार कांग्रेस की बनी तो कई नेताओं ने भाजपा का दामन छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम लिया था।
मोकापरस्त नेताओ की श्रृंखला बढ़ती ही जा रही है। इस समय दो बड़ी परेशानियों ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के नाक में दम कर रखा हैं। एक तो कांग्रेसी नेता पार्टी छोड़ – छोड़कर भाजपा में शामिल हो रहे है और दूसरा चुनाव लड़ने के लिए कोई सामने नहीं आ रहा है। पिछले तीन महीनों में प्रदेश में 4000 से अधिक नेताओं ने पार्टी छोड़ी है।
इनमें कई पूर्व विधायक और पूर्व सांसद हैं इनके अलावा जिला पंचायत और जनपद सदस्यों ने भी भारी संख्या में पार्टी छोड़ी है। इन सब की वजह से जीतू पटवारी को हाई कमान के सामने नीचा देखना पड़ रहा है। जीतू पटवारी पर आरोप लग रहे हैं कि वो कांग्रेस के भीतर मची भगदड़ को रोक नहीं पा रहे हैं। इसके अलावा प्रत्याशी चयन भी एक समस्या है।
इंदौर में कांग्रेस का प्रत्याशी कौन होगा यह आज शुक्रवार को तय हो जाएंगा। कांग्रेस को इंदौर ही नहीं बल्कि शेष 18 सीटों पर प्रत्याशियों को लड़ाने के लिए पसीने आ रहे है, क्योंकि जिस तरह से देश में मोदी की लहर चल रही है उसको देखते हुए कोई भी कांग्रेसी नेता चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं दिखा रहा है। चुनावी चेहरे नहीं मिलने के कारण ही कांग्रेस को सूची जारी करने में परेशानी आ रही है।
इंदौर से चुनाव लड़ने के लिए जो नाम चल रहे है उसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और अक्षय कांति बम में से किसी एक को टिकट मिल सकता है। अक्षत कांति बम के चांस ज्यादा नजर आ रहे है। कांग्रेस राहुल की न्याय यात्रा में लटकी रह गई और इधर मोदी ने अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कर पूरा मजमा लूट लिया। अब आज दिल्ली में भी कांग्रेस की सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की मीटिंग होगी।
इस बैठक के बाद मप्र की बची 18 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए जाएंगे। कांग्रेस मध्यप्रदेश की 29 में से 28 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारने जा रही है। 10 उम्मीदवार घोषित किए जा चुके हैं। इंडिया गठबंधन के तहत खजुराहो सीट समाजवादी पार्टी को दी गई है।
मालवा और निमाड़ अंचल की बात कर तो कांग्रेस विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के सदमे से ही नहीं उबरी है। वरिष्ठ नेताओं की पाला छोड़ने जैसी कवायदों ने पार्टी के भीतर असमंजस का वातावरण पैदा कर दिया, वहीं दूसरी और लोकसभा प्रत्याशियों का भी टोटा नजर आ रहा है। बहरहाल इस सूरतेहाल में कांग्रेस पार्टी भाजपा के खिलाफ कैसे मजबूती के साथ खड़ी होगी यह देखने वाली बात होगी।