एमजीएम मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग छात्रों को नियुक्ति का इंतजार, डीन ने कहा कोई वैकेंसी नहीं

 

छह से आठ माह बाद भी किसी को भी नियुक्ति नहीं दी गई

इंदौर। सरकारी नर्सिंग कॉलेज के 15 से अधिक नर्सिंग छात्र कोर्स करने के छह महीने बाद भी स्टिंग नहीं मिलने की शिकायत कर एमजीएम मेडिकल कॉलेज क डीन के पास पहुंचे। इससे बराज छात्रों ने स्वास्थ्य मंत्री से भी मुलाकात की है और उनसे मामले हस्तक्षेप करने का अनुरोध कया है।
प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना था उन्हें 2018-19 में इस कोर्स में खिला दिया गया था। शासकीय संग कॉलेज में चार वर्षीय बीएससी सिंग संविदा (बंधुआ) पाठ्यक्रम में 15 छात्राओं को प्रवेश दिया गया। नारी प्रशिक्षण अवधि 2022-23 में हो गई और हमारा परीक्षा परिणाम घोषित हो गया है। नियमानुसार प्रवेश के समय एक अनुबंध लिया गया , जिसमें प्रशिक्षण पूरा होने के बाद सिंग ऑफिसर के पद पर नियुक्ति दान की जाएगी, लेकिन, छह से आठ बह बाद भी हममें से किसी को भी युक्ति नहीं दी गयी है। हमने एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन से भी चर्चा की है, लेकिन उन्होंने कोई वैकेंसी नहीं होने का दावा किया है।
छात्रों ने कहा कि वे अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर लंबे समय से अधिकारियों का दरवाजा खटखटा रहे हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। ज्यादातर छात्र दूसरे शहरों से आकर यहां पढ़ रहे थे, इसलिए उनके परिवारों को भी पढ़ाई के बाद रोजगार की उम्मीद थी। हमारे पास जल्द से जल्द नियुक्ति का ही आश्वासन बचा है। अब वे कह रहे हैं कि कोई पद खाली नहीं है। छात्रों का आरोप है कि अगर पद खाली नहीं था तो फिर अनुबंध क्यों किया गया।

हमारे यहां नौ पद रिक्त थे, नियुक्तियां हो गई —

हमारे यहां नौ पद रिक्त थे और नियुक्तियां हो चुकी हैं। इसके अलावा दिव्यांग और पूर्व सैनिक कोटे के लिए भी पद हैं. हमने उनकी सूची भोपाल भेज दी है, ताकि उन्हें दूसरे मेडिकल कॉलेजों में नियुक्ति दी जा सके।

डॉ संजय दीक्षित डीन, एमजीएम मेडिकल कॉलेज इंदौर