साल का आखिरी हफ्ता रहता है सबसे भारी : नशे में झूमने वाले लोगों से होते हैं सड़क हादसे, इंदौर में ही पिछले 5 साल में गई 14 जान
ब्रह्मास्त्र इंदौर। नया साल आने की खुशी में लोग झूम उठते हैं। उत्साह से नया साल मनाया जाता है, लेकिन एक भयावह सच यह भी है कि नया साल मनाने के लिए दिसंबर का आखिरी हफ्ता और जनवरी का पहला हफ्ता कई तरह के हादसों को जन्म देता है। सड़क दुर्घटनाएं तो तेजी से बढ़ जाती हैं। पिछले 5 सालों का आंकड़ा अगर देखें तो सिर्फ इंदौर में ही 14 लोगों की जान नशे में गाड़ी चलाने के कारण चली गई। इसके अलावा सामाजिक और मानसिक स्तर पर हुए हादसों की तो कोई गिनती ही नहीं है। पिछले पांच सालों के 26 से 31 दिसंबर के बीच के आंकड़े खंगाले तो काफी चौंकाने वाली बात सामने आई। हालत यह है कि इस दौरान ड्रिंक एंड ड्राइव के 600 केस दर्ज हुए हैं। विभिन्न दुर्घटनाओं में 14 लोगों की मौत हुई है, जबकि दर्जनों घायल हुए। इस दौरान 50 लाख से ज्यादा की अवैध शराब और 30 लाख से ज्यादा की ब्राउन शुगर, गांजा व नशे की अन्य दवाइयां पकड़ी गई हैं।
साल के आखिरी सात दिन भारी
वर्ष 2016 में न्यू ईयर पार्टी के लिए मंगवाई 5 लाख की अवैध विदेशी शराब पकड़ी। तीन आरोपी पकड़ाए, जो मेडिसिन और फ्रूट के कार्टून में भरकर यह शराब लाते थे। 30 ड्रिंक एंड ड्राइव के केस बने। 30 दिसंबर को 1500 एल्प्राजोलम व 400 बॉटल फोरेक्स के साथ 4 गिरफ्तार हुए।
वर्ष 2017 में धार रोड पर साल के आखिरी दिन 100 की रफ्तार से गाड़ी चला रहे थे। चौंकाने वाली बात स्पीड कम रखने का बोर्ड लगा था। इसमें दो की मौत हुई थी। 142 पकड़े गए 31 दिसंबर को। थर्टी फर्स्ट की नाइट को 142 लोगों को पकड़ा। कुछ को माफी दी, कुछ जेल भेजे गए।
वर्ष 2018 में थर्टी फर्स्ट की नाइट को ही 5 सड़क हादसे सामने आए, जिसमें 4 की मौत हुई। वर्ष 2019 में कोरोना के कारण सख्ती थी, बावजूद युवतियों से छेड़छाड़ की 2 घटनाएं सामने आई।
पिछले वर्ष इंदौर में ड्रग रैकेट का बड़ा खुलासा हुआ। ड्रग वाली आंटी को पुलिस ने जेल भेजा। दो अन्य सागर और विक्की गिरफ्त में आए। 4 दुर्घटना में चार मौत, कुछ में वजह शराब। तीन दिन में तीन हत्या हुई।
सब बंद था फिर भी छेड़छाड़ के केस। अलग-अलग रोड एक्सीडेंट में तीन की मौत हुई। 6 बार व पब पुलिस को बंद कराने पड़े। 3.5 लाख रुपए की ब्राउन शुगर के साथ 3 आरोपी गिरफ्तार किए गए। इस साल अब तक 500 से ज्यादा केस ड्रिंक एंड ड्राइव के बन चुके हैं, जबकि अभी न्यू ईयर का खुमार बाकी है।