देश में सबसे पहले महाकाल में जलेगी  होली, भक्तों पर उड़ेगा हर्बल रंग-गुलाल – संध्या आरती में पहले भगवान को हर्बल गुलाल लगाएंगे फिर भक्त खेलेंगे फूलों से होली 

दैनिक अवंतिका उज्जैन।  
धार्मिक स्थलों की बात करे तो देश में सबसे पहले होली उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में जलेगी। परंपरा अनुसार भगवान महाकाल भक्तों के साथ होली खेलेंगे। पंडे-पुजारी पहले महाकाल को संध्या आरती में गर्भगृह के अंदर गुलाल अर्पित करेंगे। इसेक बाद भक्तों पर गुलाल उड़ाया जाएगा। भक्त फूलों से होली खेलेंगे।    
महाकाल मंदिर के पुजारी एवं मंदिर प्रबंध समिति के सदस्य प्रदीप गुरु ने बताया महाकाल मंदिर में सबसे पहले परंपरा अनुसार होलिका का दहन किया जाता है। यह होली संध्या आरती के बाद पूजन कर पंडे-पुजारियों के द्वार जलाई जाती है। इस पूजन में मंदिर के अधिकारी व समिति सदस्यों के साथ ही समस्त पंंडे-पुजारी शामिल रहते हैं। होली को लेकर मंदिर समिति ने तैयारियां शुरू कर दी है। गर्भगृह में रंग-गुलाल से नुकसान न पहुंचे इसके लिए कपड़ों से चांदी की दीवारें ढकी जाएगी। मंदिर में केमिकल युक्त रंग-गुलाल आदि के उपयोग पर प्रतिबंध रहेगा। समिति के लोग इसके लिए अलग से आदेश जारी करते हैं।  
महाकाल मंदिर में 24 मार्च 
की शाम को जलेगी होली 
ग्वालियर पंचांग के अनुसार महाकाल मंदिर में 24 मार्च को प्रदोष काल में मंत्रोच्चार के साथ पूजन कर होलिका का दहन किया जाएगा। अगले दिन 25 मार्च की तड़के 4 बजे होने वाली भस्म आरती में भगवान महाकाल को हर्बल अबीर-गुलाल लगाकर होली उत्सव मनाया जाएगा। इस अवसर पर हजारों भक्त रंग और गुलाल में सराबोर नजर आएंगे। महाकाल की होली का भी भक्तों को बेसब्री से इंतजार रहता हैं। 
मंदिर प्रांगण में सजाई जाएगी
लकड़ी कंडों की होली व रंगोली  
मंदिर प्रांगण में सुबह से ही समिति के लोग लकड़ी व कंडों से होली सजाएंगे। इसके आसपास आकर्षक रंगोली सजाई जाएगी। शाम को संध्या आरती के बाद पुजारी यहां आकर पूजन व आरती करेंगे। इसके बाद होलिका का दहन किया जाएगा। होली दहन के लिए सभी होलिका का परिक्रमा करेंगे।