रंगों और पिचकारियों से सजा बाजार, बच्चों में डोरेमोन टैंक और प्रेशरगन की डिमांड
सारंगपुर। रंगों के पर्व होली में अब दो दिन बाकी हैं। शहरवासी भी इस पर्व का उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं। होली को लेकर बाजार भी विभिन्ना तरह की पिचकारियों से सजकर तैयार हो गया है। इसमें बच्चों के लिए खास बंदूक व कार्टून कैरेक्टर सहित कई वैराइटी में पिचकारी आई हैं। साथ ही शहरवासियों के लिए जादुई रंग भी उपलब्ध हैं, जिनसे शहरवासी पचरंगी तो होंगे लेकिन ये रंग न कोई नुकसान पहुंचाएंगे और न ही कोई कुप्रभाव डालेंगे। बाजार में 10 रुपए 500 रुपए तक की पिचकारी उपलब्ध है।
बस स्टैंड स्थित दुकान संचालक नवीन जैन ने बताया कि इस बार बच्चों के लिए विशेष रूप से पिचकारी के रूप में बंदूक, प्रेशर गन, बडी साईज के प्रेशर टैंक, डोरेमोन टैंक, प्रेशर वाली तीन मुंह की गन, मछली गन, थम्स अप गन, लिम्का गन, तलवार पंप, पाइप सहित कई अन्य वैराइटी बाजार में आई हैं।
दुकानदारों के अनुसार इस बार जीएसटी का असर भी पिचकारियों व रंगों पर देखने को मिल रहा है। व्यापारी संचालकों ने बताया कि इस बार होली पर कई विशेष आयटम आए हुए हैं, जो लोगों को लुभाएंगे। बाजार में गुलाल बम, रंगीन स्प्रे और कलर छुडवाने के लिए लिक्विड आया है। बच्चों के लिए कार्टून कैरेक्टर व टैंक वाली पिचकारियां भी हैं। जीएसटी के कारण इस बार रंग और पिचकारी का भाव पिछले साल के मुकाबले 25 प्रतिशत तक बढ गया है।
दर्जनों स्थानो पर जलेगी होली
शहर में होली उत्सव पर्व पांच दिनों तक मनाए जाने की परंपरा है। इसी के तहत शहर में विभिन्ना स्थानों पर होली के डांडे गाडे गए हैं। पूजा अर्चना के साथ होली जलाई जाएगी। शहर में दर्जनो स्थानों पर होली जलाई जाएगी।
शहर में पांच दिन की होली
शहर में रंगों का पर्व होली उल्लास और आनंद के साथ लगातार पांच दिन तक मनाया जाता है। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है। 24 मार्च रविवार शाम होलिका पूजन के साथ पर्व की शुरूआत होगी। सोमवार को धुलेंडी मनाई जाएगी। शहर में पांच दिन तक रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। होली उत्सव में भजन संध्या, सुंदरकांड, कवि सम्मेलन आदि आयोजित किए जाते है और रंगपंचमी पर गैर निकाली जाती है।
बिजली लाइनों के नीचे होलिका दहन न करें
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी सारंगपुर के सहायक यंत्री मनोज इंवातिया ने सभी बिजली उपभोक्ताओं तथा आम नागरिकों से सुरक्षित होलिका दहन के लिए अपील की है। उन्होंने बताया कि बिजली के खंभे, ट्रांसफॉर्मर या फिर बिजली की ऐसी लाइनें जिसमें विद्युत प्रवाहित होती है, उनके नीचे होलिका दहन न करें क्योंकि लाइनों के नीचे होलिका दहन से दुर्घटना की संभावना सदैव बनी रहती है। श्री इंवातिया ने सभी विद्युत उपभोक्ताओं से अपील की है कि होलिका दहन बिजली लाइनों से कुछ हटकर अन्य स्थान पर ही करें। आग की लपटों से एल्यूमिनियम तारों और बिजली केबल के गलने, जलने और टूटने की संभावना सदैव रहती है।
इनके टूटने या गिरने से कोई भी बड़ी अप्रत्याशित घटना घट सकती है। उन्होंने अपील है कि होलिका दहन बिजली की चालू लाइनों, उपकरणों से दूर करें और प्रसन्नाता से त्योहार मनाएं।