रमजान का दूसरा जुमा: अल्लाह की बंदिगी में झुकें रोजेदारों के सिर, इस्लाम में जुमे की नमाज का है बहुत महत्व
सारंगपुर( न्यूज)।
शुक्रवार को रमजान महीने का दूसरा जुमा रहा। बता दें कि इस्लामिक कैलेंडर के पवित्र महीने रमजान की शुरुआत 12 मार्च से हो चुकी है और 15 मार्च को रमजान का पहला जुमा गुजरा और शुक्रवार को रमजान का दूसरा जुमा रहा। इस्लाम में जिस तरह रमजान महीने को पवित्र और महत्वपूर्ण माना गया है, उसी तरह से इस्लाम में जुमा के दिन के नमाज को भी अन्य दिनों की अपेक्षा महत्वपूर्ण माना जाता है। रमजान महीने में रोजेदारों में भी जुमा की नमाज को लेकर खास उत्साह देखने को मिला। रमजान के जुमा नमाज के लिए मस्जिदों में आबाद की गई है और रोजेदार सिर झुकाकर अल्लाह की बंदिगी की।
इस्लाम में जुमा की नमाज का महत्व
मौलाना मुफ्ती शफीक साहब फलाही बताते है कि वैसे तो इस्लाम में रोजाना पांच वक्त की नमाज अदा करना फरज और जरुरी है लेकिन जुमा की नमाज और खासकर रमजान में जुमा की नमाज को बहुत ही खास माना गया है। हदीस शरीफ में जुमे की नमाज को लेकर कहा गया है कि, हजरत आदम अलैहिस्सलम को जुमे के दिन ही जन्नात से इस दुनिया में भेजा गया था और जन्नात में उनकी वापसी भी जुमे के दिन ही हुई थी। इतना ही नहीं अल्लाह ने उनकी तौबा भी इसी दिन कुबूल की थी। उन्होंने कहा कि जुमे की नमाज पढने वाले की पूरे हफ्ते की गलतियों को अल्लाह माफ कर देता है। यही वजह है कि इस्लाम में जुमे के दिन को बहुत खास माना गया है और जुमे की नमाज का खास महत्व होता है।
इस बार 4 जुमे का होगा रमजान
इस बार रमजान के महीने में 4 जुमा यानी शुक्रवार पडेंगे। रमजान का पहला जुमा 15 मार्च को था, आज यानी 22 मार्च को दूसरा जुमा, 29 मार्च तीसरा जुमा और 5 अप्रैल को रमाजन का आखिरी यानी अलविदा जुमा होगा।
जुमे की नमाज में इन नियमों का पालन जरुरी
जुमे की नमाज पढने से पहले नहाना(गुस्ल करना) जरूरी होता है। इससे नमाज पढने से पहले आपका शरीर पाक हो जाता है। जुमे के दिन नहाना सुन्न्त भी है। जुमा के दिन इत्र लगाना सुन्न्त है। जुमा के दिन मिसवाक यानी दांतों को साफ करना भी सुन्न्त है।
तीसरे जुमे 29 मार्च को प्रत्येक मस्जिद में दोपहर 1 बजे अदा होगी जुमा की नमाज
शाही जामा मस्जिद अंजुमन कमेटी सदर एमए अलीम बाबा कुरैशी एवं सेकेटरी डा. रफीक शेख ने बताया कि आगामी 29 मार्च को रमजान का तीसरा जुमा है इसके लिए सारंगपुर अंजुमन कमेटी ने यह निर्णय लिया है कि आगामी तीसरा जुमा यानि सिर्फ 29 मार्च को शहर की प्रत्येक मस्जिदों में जुमा की नमाज एक ही वक्त पर दोपहर 1 बजे आदा की जाएगी। उन्होंने बताया कि जुमा और रंगपंचमी का पर्व एक साथ आया है इसलिए शहर के आपसी भाईचारे, सद्भाव एवं सांप्रदायिक सोहार्द को कायम रखने और त्योहारो पर आपसी खुशियां कायम रखने के लिए हमने स्वंय यह निर्णय लिया है कि दोपहर 1 बजे हम शहर के सभी मोहल्लो की मस्जिदों में जुमे की नमाज नमाज अदा करेंगे। यह सिर्फ 29 मार्च एक दिन के लिए रहेंगा। उसके बाद आने वाले जुमा पर निर्धारित मस्जिदो में अपने-अपने तय वक्त पर नमाज अदा होती रहेगी।