देश में पहली बार साइक्लोथाॅन में 25 कि. मी. साइकिल चलाएंगी बोहरा समाज की 80 महिलाएं

ब्रह्मास्त्र इंदौर। धर्मगुरु की प्रेरणा व निर्देश पर बोहरा समाज ये वर्ष सेहत वर्ष के रूप में मना रहा है। महिलाओं को भी अपनी सेहत का ध्यान रखने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु बड़ी पहल की गई है। बोहरा समाज शहर में इस रविवार साइक्लोथाॅन करवाएगा, जिसमें पहली बार समाज की 80 महिलाएं भी हिस्सा लेंगी। वे 25 किमी साइकिल चलाएंगी।
चुनौती यह थी कि समाज में परदे की परंपरा है। ऐसे में बुर्का पहन साइकिल चलाना मुश्किल होगा। समाज ने इसका अनूठा हल ढूंढा। इससे परंपरा पर भी कोई आंच न आए और महिलाओं की साइक्लोथॉन में भागीदारी भी रहे। समाज ने बुर्के की डिजाइन बदलकर स्पोर्टी लुक दे दिया है। इसके कारण महिलाएं सहजता से साइकिल चला पाएंगी।
साइक्लोथॉन की इवेंट मैनेजर मारिया सादरीवाला ते अनुसार महिलाओं की ड्रेस (रिदा) स्पोर्टी लुक में थ्री-इन वन रहेगी। ये डिजाइन सूरत के जामिया इस्लामिया संस्थान का कॉन्सेप्ट है। छात्राएं वहां स्पोर्ट्स एक्टिविटी के लिए इसी तरह का रिदा पहनती हैं।

सेहत की दिशा में नया बदलाव

समाज के साइक्लोथॉन के प्रमुख और इवेंट मैनेजर शेख मोहम्मद कुंवरजी ने कहा- यह साइक्लोथॉन सेहत की दिशा में एक नई पहल और नया बदलाव कर रही है। सभी प्रतिभागी शहर के खातीवाला टैंक से साइकिल पर सवार होंगे। वे निरंजनपुर और वहां से वापस खातीवाला टैंक आएंगे। इस तरह 25 किमी की दूरी तय करेंगे। अब तक 800 लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाए हैं, इनमें 80 महिलाएं शामिल हैं।
प्रो. यास्मीन मानपुरवाला और फातेमा कौसर के अनुसार यह न सिर्फ अच्छी पहल, बल्कि सेहत के लिए नई दिशा भी देगा। सबसे खास बात यह कि इस पूरे साइक्लोथॉन में पारंपरिक पोशाक रिदा ही पहनेंगे। हम पर्दे में भी रहेंगे और सेहत के लिए साइकिल भी चलाएंगे। इंदौर से देशभर में एक नया और अच्छा संदेश देश-दुनिया में जाएगा।