पुष्टिमार्गीय हवेलियों में दौलोउत्सव के उपरांत फाग उत्सव का समापन
खिलचीपुर। नगर की पुष्टिमार्गीय हवेली सर्वप्रथम तालाब मंदिर के साथ कल्याण राय जी एवं गोवर्धन नाथ जी की हवेलियों में श्रीनाथजी को आकर्षक सजावट के साथहिंडोलना में पधराकर रंग गुलाल फूलों से होली खिलाकर होली फाग उत्सव का समापन किया। उल्लेखनीय है कि बसंत पंचमी से आज होली की पड़वां के दिन 40 दिनों तक पुष्टीमार्गी हवेलीयों में परंपरा अनुसार रंग गुलाललाल की होली दौलौत्सवके उपरांत प्रतिबंधित हो जाती है किंतु मंदिर परिसर के बाहर बगीचों में फाग उत्सव वल्लभ बालकों के मुख्य आथित्यमें पुष्टिमार्गीय वैष्णव समुदाय द्वारा आयोजित किए जातेरहते है आज के डोल उत्सव के समय खिलचीपुर नगर के तीनों पुष्टीमार्गीय मंदिरों में वैष्णव द्वारा रंग गुलाल एवं फूलों की वर्षा कर आपस में खूब जमकर रंग गुलाल एक दूसरे पर बरसाई और उसके साथ ही फाग के गीत रसिया पर नृत्य किया। पुष्टिमार्ग आचार्य अपने वचनामृत में वैष्णव को बताते है कि फाग उत्सव में ठाकुर जी केसमक्षउड़ाई गई गुलाल के द्वारा वैष्णव के समस्त राग द्वेष उड़ जाते हैं और लाल केसरिया पीला हरे रंग जो ठाकुर जी की प्रसादीहै आपके शरीर पर गिरते ही समस्त भवबांधाओं को धुमिलकर देतेहै।