बड़े नेताओं ने चुनाव लड़ने से किया किनारा, युवा नेताओ ने भरा दम

 

जीतू पटवारी ने अक्षय के नाम को लेकर दिल्ली से ली थी सहमति

 

इंदौर। जीतू पटवारी ने आखिरकार अक्षय कांति बम को उम्मीदवार बना ही दिया। उनकी उम्मीदवारी से भाजपा की बल्ले बल्ले हो गई है। अब जैसा कि कैलाश विजयवर्गीय ने दावा किया था भाजपा अपनी बढ़त 8 लाख प्लस तक ले जा सकती है। हालांकि अक्षय कांति बम अच्छे उम्मीदवार हैं। उन्होंने पीएचडी की है। युवा हैं और छवि भी अच्छी है।
प्रकाश चंद सेठी, ललित जैन और पंकज संघवी के बाद वो कांग्रेस की ओर से लोकसभा में उतरने वाले चौथे जैन प्रत्याशी होंगे। कांग्रेस इंदौर में करीब 1 लाख जैन मतदाताओं के कारण। जैन समुदाय से टिकट देती जरूर है लेकिन जैन समुदाय भाजपा का परंपरागत वोटर है। श्वेतांबर जैन तो संघ के संपर्क में आने वाले सबसे पहले समुदायों में से एक है।
दिगंबर जैन समाज जरूर 90 के दशक तक कांग्रेस के साथ था, लेकिन अयोध्या आंदोलन और भाजपा की राष्ट्रवादी नीतियों के कारण दिगंबर जैन समाज भी अब भाजपा का मतदाता है। अनेक प्रख्यात, तपस्वी दिगंबर और श्वेतांबर जैन संत गण खुलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हैं और उन्हें वोट करने के लिए अपील के वीडियो भी जारी करते हैं।
ऐसे में अक्षय कांति बम की उम्मीदवारी केवल औपचारिकता रहेगी। जीतू पटवारी साफ सुथरी छवि के नए प्रत्याशी के साथ ही ऐसा उम्मीदवार चाहते थे जो खर्च उठाने में सक्षम हो। अक्षय कांति बम ऐसे ही उम्मीदवार हैं।

मालवा निमाड़ में नए और पुराने चेहरों पर कांग्रेस
का दांव, खंडवा सीट होल्ड पर —
मालवा निमाड़ के बड़े नेता सज्जन सिंह वर्मा, जीतू पटवारी, अरुण यादव, शोभा ओझा, विजयलक्ष्मी साधौ अभी तक जारी सूचियों में उम्मीदवार के रुप में नजर नहीं आए। विधानसभा चुनाव हारने के बाद वर्मा, साधौ ने इस बार खुद को दावेदारी से दूर रखा। कांग्रेस ने मालवा निमाड़ की आठ में से सात सीटों पर उम्मीदवार तय कर दिए है। खंडवा सीट का टिकट होल्ड पर रखा है।
अरूण यादव को खंडवा सीट से उम्मीदवार बनाया जाए, या उन्हें ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने खड़ा किया जाए। कांग्रेस यह तय नहीं कर पाई है। मालवा निमाड़ में कांग्रेस ने नए और पुराने चेहरों पर दांव लगाया है। पहली सूची में मालवा निमाड़ में तीन नए चेहरों को कांग्रेस ने मौका दिया। इंदौर से अक्षय बम के रुप में कांग्रेस ने नया चेहरा आगे किया है बाकी दूसरी सीटों पर विधायक और पूर्व विधायकों को मौका दिया गया है।
विधायक महेश परमार को उज्जैन लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि पूर्व विधायक दिलीप सिंह गुर्जर को मंदसौर सीट से कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है। इस सीट से मीनाक्षी नटराजन का नाम भी चर्चा में था, लेकिन वे इस बार चुनाव लड़ना नहीं चाहती थी। झाबुआ से कांतिलाल भूरिया फिर कांग्रेस के उम्मीदवार बने है। वे पहले भी इस सीट से सांसद रह चुके है और यूपीए शासनकाल में मंत्री भी रहे हैं।

बड़े नेता इस बार चुनाव मैदान से बाहर

मालवा निमाड़ के बड़े नेता सज्जन सिंह वर्मा, जीतू पटवारी, अरुण यादव, शोभा ओझा, विजयलक्ष्मी साधौ अभी तक जारी सूचियों में उम्मीदवार के रुप में नजर नहीं आए। विधानसभा चुनाव हारने के बाद वर्मा, साधौ ने इस बार लोकसभा चुनाव में खुद को दावेदारी से दूर रखा। खंडवा सीट पर कांग्रेस अरुण यादव को उम्मीदवार बना सकती है। वे पहले भी इस सीट से सांसद रह चुके है।