गर्मी बढ़ते ही मटकों की बढी बिक्री
सारंगपुर। चिलचिलाती गर्मी में सूखे कंठ को तर करने घडों का शीतल जल मिल जाए तो क्या कहना। गर्मी के इस मौसम में ठंडे पानी के लिए मटकों से बेहतर कोई उपाय नहीं है। जैसे-जैसे गर्मी बढती जा रही है। वैसे-वैसे मटकों की मांग भी बढ; रही है। शहर सहित अंचल में ठंडे पानी के लिए इन दिनों मटकों की बिक्री होने लगी है। मार्च में तापमान 37 डिग्री के पार चला गया है। अब पूरा अंचल – भट्टी की तरह तपने लगा है। दिन में लोगों को तेज गर्मी का सामना करना पडा। दिन में गर्म हवा चलने लगी। गर्मी बढते ही राहत पाने के लिए लोगों ने कूलर, पंखों की मदद लेना शुरू कर दिया। साथ ही गला भी सूखने लगा है। थोडी-थोडी देर में प्यास लग रही है। ऐसे में मिट्टी के मटकों का बाजार सजने लगे है। इस बार गर्मी के सीजन में कई वैरायटी के मटके बाजारों में देखने को मिल रहे हैं। अब बाजार में मटकों की पूछपरख होने लगी है।
लोग अब घरों से निकलने से परहेज करने लगे है। मौसम को देखते हुए कुछ ने तो अपना खान-पान भी बदल दिया। अब लोगों की पहली पसंद कोल्डड्रिंक्स व ज्यूस बनने लगे है। लोगों का कहना है कि अब तो पंखों और कूलरों की आवश्यकता महसूस होने लगी है। दिन में लोग गर्म हवा चलने के कारण अब मुंह पर कपडा बांधकर निकलने लगे है। ताकि मौसम का असर सेहत पर न पडे।
साप्ताहिक हाट में मटकों की बिक्री
गर्मी का सीजन आते ही बाजार में देशी फ्रीज यानि मटकों की बिक्री शुरू हो गई है। क्षेत्र में बडी संख्या में आसपास के गांवों से कुंभकार समाज के लोग साप्ताहिक हाट बाजारों में मटके बेचने के लिए नजर आते है। मटका व्यापारियों ने बताया कि गर्मी के सीजन में मटकों की मांग बढ; जाती है। मांग को देखते हुए बडे पैमाने पर मटकों तैयार किए जा रहे हैं। वर्तमान में मटकों की कीमत 200 रुपये से 250 रुपए के बीच बताई जा रही है।