आरएनटी स्थित डीएवीवी की दीवारों से सटी दुकानें बनी नासूर, रजिस्ट्रार ने कलेक्टर को सोपा पत्र , जल्द शुरू होगी कार्यवाही
इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के आरएनटी परिसर स्थित लगी दुकानों को लेकर अब विश्वविद्यालय प्रशासन ने रणनीति बना ली है। पिछले दिनों हुई आगजनी की घटना से सबक लेकर अब उचित कार्यवाही की मांग भी की गई है।
इस संबंध में रजिस्ट्रार ने कलेक्टर आशीष सिंह से मुलाकात कर पत्र सौंपा है। बीते दिनों दुकानों में आग लगी थी, जो विश्वविद्यालय के मुद्रणालय तक पहुंच गई थी। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन की चिंताएं बढ़ गई हैं। अब प्रशासन को इन दुकान को अन्य स्थानों पर शिफ्ट करना होगा।
अधिकारियों का तर्क है कि दुकानों में आए दिन शार्ट सर्किट से आग लगती है। इससे विश्वविद्यालय का मुद्रणालय के पास ही कई बार दुकानों में आग लग चुकी है। वहां फायर बिग्रेड भी नहीं पहुंच सकती है। ऐसे में विश्वविद्यालय को काफी नुकसान हो सकता है। विश्वविद्यालय के नालंदा परिसर से करीब 60 दुकानें लगी है। यहां गैरेज, टेवल्स व फैब्रिकेशन का काम होता है।
फायर बिग्रेड के लिए बड़ी मुश्किले —
बीते दो महीने में दो से तीन बार आग लग चुकी है, जो विश्वविद्यालय परिसर तक पहुंची है। दुकानों की वजह से आग लगाने का अंदेशा बना रहता है। वैसे भी परिसर में आग बुझाने के लिए फायर बिग्रेड के वाहन को आने की जगह नहीं है। ऐसे में विश्वविद्यालय ने अपने परिसर में वाहन को पहुंचने के लिए रास्ता बनाने का विचार किया है।
इस संबंध में कुछ दिन पहले अधिकारियों की बैठक हुई थी। अब परिसर में नई दीवार बनाई जाएगी। इसके लिए यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों से भी चर्चा होना है। अप्रैल पहले सप्ताह में बैठक रखी है।
रजिस्ट्रार अजय वर्मा का कहना है कि दुकानों में आए दिन आग लगती है, जो फैलकर विश्वविद्यालय परिसर तक पहुंच जाती है। बाउंड्रीवाल के पास विश्वविद्यालय का मुद्रणालय है। यहां पेपर छपाई से लेकर उत्तर पुस्तिका रखी है। आगजनी की घटना से विश्वविद्यालय को नुकसान हो सकता है।