महाकाल गर्भगृह अग्निकांड: अब संदेह की आग
रिटायर्ड जज की कमेटी से कराई जाए जांच, जांच पूर्ण होने तक प्रशासक के पास न रहे पॉवर
ब्रह्मास्त्र. उज्जैन
विश्व भर में ख्यात कालों के काल महाकाल मंदिर के गर्भगृह में धुलेंडी की प्रातः गुलाल फेंकने से हुए अग्निकांड के बाद जांच पर संदेह की आग लगने के सवाल खड़े हो रहे हैं। भक्तों का कहना है मजिस्ट्रियल जांच के स्थान पर रिटायर्ड जज के मार्गदर्शन में कमेटी बनाई जाय जो निष्पक्ष और दबाव प्रभाव रहित हो जांच कर सकेगी।
हादसे के बाद से मजिस्ट्रियल जांच की राह ताकी जा रही। दुर्घटना में मुख्य पुजारी के साथ 14 लोग घायल हुए थे। कलेक्टर के आदेश पर मजिस्ट्रियल जांच एडीएम और प्रशासनिक अधिकारी मृणाल मीणा कर रहे हैं। लोग शंका उठा रहे हैं कि जांच पूरी होने में वक्त लगेगा। इस हादसे के लिए प्रशासक संदीप सोनी दोषी हो सकते हैं। वे भी अभी प्रश्नों के भंवर में फंसे हैं। लिहाजा प्रशासक को जांच होने तक पद की जिम्मेदारी से अलग रखना था। इससे जांच पर असर होने की आशंका दर्शनार्थी और शहर के लोग उठा रहे हैं। सार्वजनिक रूप से ये लोग फ्रंट पर नहीं आ रहे मगर बातचीत में बोल रहे हैं की प्रशासक को जांच होने तक पद पर नहीं रखें। उनके स्थान पर रिटायर्ड जज जांच करें। जज को जांच का तजुर्बा होता है तथा वह दबाव में कोई जांच नहीं करेंगे। प्रशासक पंडे पुजारियों के साथ रहते हैं, जिससे निष्पक्ष कार्यवाही होने में संदेह हो रहा। प्रशासक और पुजारी अपने आपको बचाने के प्रयास करेंगे।
तिरुपति मंदिर घूमने पर सरकारी पैसों की बर्बादी
तिरुपति मंदिर की तरह महाकाल मंदिर की व्यवस्था करने को अधिकारी कई मर्तबा सरकारी पैसों से यात्राएं कर चुके मगर सरकारी पैसों की बर्बादी ही हुई।