करंट मार रही महंगाई के बीच राहत भरी खबर कम आएगा बिजली का बिल… घटाया सरचार्ज
ब्रह्मास्त्र उज्जैन
करंट मार रही महंगाई के बीच बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर यह है कि आगामी दो माह के दौरान बिजली का बिल कम आएगा। हालांकि इसका लाभ शहर के उपभोक्ताओं को मई माह के दौरान से मिलेगा लेकिन इससे थोड़ी राहत तो अवश्य ही प्राप्त होगी। बिजली विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बिजली कंपनी ने सरचार्ज को घटा दिया है और इस कारण बिजली के बिल में राहत मिलेगी। दरअसल विधानसभा चुनाव के दौरान भी उपभोक्ताओं को राहत दी गई थी वहीं अब भी लोकसभा चुनाव के दौरान करीब तीन से साढ़े तीन प्रतिशत कटौती करते हुए सरचार्ज को घटा दिया है।
बिजली कंपनी के कार्यपालन यंत्री शहर संभाग सतीश कुमरावत ने ब्रह्मास्त्र से चर्चा, करते हुए बताया कि करीब तीन से साढ़े तीन प्रतिशत सरचार्ज को घटाया गया है। लेकिन बिजली बिल में कमी होने का फायदा सिर्फ घरेलू उपभोक्ताओं को ही मिलेगा। अर्थात व्यापारियों को लाभ प्राप्त नहीं हो सकेगा। हालांकि बिजली कंपनी के अधिकारियों का यह भी कहना है कि दुकानदारों के लिए भी सुबह 9 से शाम 5 बजे तक बिजली सस्ती हो सकती है लेकिन इस संबंध में अभी दिशा निर्देश नहीं मिले है। बताया गया है कि वर्ष 2024-25 के लिए अपने नए टैरिफ आदेश में, एमपीईआरसी ने नॉन -डोमेस्टिक लो-टेंशन के साथ-साथ हाई-टेंशन कंज्यूमर के लिए टाइम आॅफ डे टैरिफ के कार्यान्वयन को मंजूरी दे दी है। पिछले साल विद्युत मंत्रालय ने अधिसूचित बिजली (उपभोक्ताओं के अधिकार) संशोधन नियम, 2023 में ये नियम तय किए थे। सूत्रों ने कहा कि यही टीओडी अगले वित्तीय वर्ष से घरेलू उपभोक्ताओं पर भी लागू होगा। आदेशों के अनुसार, सोलर ड्यूरेशन के दौरान यानी कि सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे के बीच उपभोक्ता समूह के लिए ऊर्जा की लागत लागू टैरिफ से 20 फीसदी कम होगी।
चुनावी साल में उपभोक्ताओं को राहत
दरअसल चुनावी साल में बिजली कंपनियां हर साल बिजली उपभोक्ताओं को राहत देती हैं। गौरतलब है कि बिजली कंपनियों ने 2046 करोड़ का घाटा बताते हुए बिजली के टैरिफ में 3.86 फीसदी बढ़ोतरी की मांग की थी। विद्युत विनियामक आयोग ने इस मांग को अस्वीकार कर दिया। इससे इस बार बिजली के टैरिफ में भी इजाफा नहीं हुआ है। बिजली कंपनियों की याचिका पर सिर्फ नगर निगम और पंचायतों को मिलने वाली बिजली में मामूली इजाफा किया है, जबकि पिछले साल बिजली कंपनियों की याचिका पर आयोग ने बिजली के टैरिफ इजाफा किया था। बिजली कंपनियों ने 1537 करोड़ का घाटा बताते हुए बिजली की दरों में 3.20 फीसदी का इजाफा करने की मांग की थी। इसका प्रस्ताव विद्युत विनियामक आयोग को भेजा था। आयोग ने 1.65 फीसदी टैरिफ बढ़ाया था।