मप्र में वानिकी कार्य ठेके पर देगी सरकार, आदिवासियों से छिनेगा रोजगार
भोपाल। प्रदेश में वन विभाग के वानिकी, क्षेत्रीय और तकनीकी कार्य ठेका पद्धति अर्थात निविदा के माध्यम से कराए जाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए वन विभाग ने सभी डीएफओ को निर्देश भी जारी कर दिए है। ठेके से काम करने पर वन क्षेत्र से सटे गांवों में आदिवासियों और वन विकास समिति से रोजगार छिन जाएगा।
वानिकी कार्य में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने की व्यवस्था थी, जिससे वे रोजगार के लिए अन्य शहर या राज्य में पलायन न करें, लेकिन ठेका व्यवस्था होने से आदिवासियों के सामने रोजगार का संकट खड़ा होगा।
मध्य प्रदेश रेंजर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष शिशुपाल अहिरवार का कहना है कि मध्य प्रदेश वन विभाग द्वारा अभी तक जो भी उपलब्धि चाहे वो वन क्षेत्र के घनत्व में उन्नति की हो, मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट, तेंदुआ स्टेट, घड़ियाल स्टेट, चीता स्टेट और राजस्व दिलाने में नंबर एक स्टेट बनाने की हो।
ये सभी उपलब्धियां केवल वर्दीधारी वन अमले और उनके साथ 24 घंटे रात दिन हर मौसम में साथ देने वाले स्थानीय वन समिति के सदस्य और वन क्षेत्र में रह रहे आदिवासियों के कारण ही संभव हो सका है, लेकिन वानिकी, क्षेत्रीय और तकनीकी कार्य ठेका पद्धति पर कराने से वन क्षेत्र के आस पास रहने वाले आदिवासियों के लिए रोजगार का संकट होगा।