बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की दिल का दौरा पड़ने से मौत, पूरे प्रदेश में धारा-144 लागू, बांदा डीएम ने दिए जांच के आदेश
ब्रह्मास्त्र लखनऊ
उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार देर रात दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। जेल की बैरक में मुख्तार अंसारी की तबीयत खराब होने पर उसे रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले आया, जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही थी। मेडिकल कॉलेज से जारी बुलेटिन के अनुसार, मुख्तार अंसारी को गुरुवार रात 8:25 बजे बेहोशी की हालत में लाया गया था। नौ डाक्टरों की टीम ने तत्काल इलाज शुरू किया। हालांकि, इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गई। इस सूचना के बाद इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई। पुलिस ने बताया कि पूरे यूपी में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।
मुख़्तार अंसारी की मौत के मामले में बांदा डीएम ने जांच के आदेश दे दिए हैं। सूत्रों के अनुसार, डीएम के आदेश के बाद तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया गया है। मुख्तार अंसारी के मौत के मामले में तीन सदस्यीय टीम इसकी जांच करेगी। पूर्व विधायक अंसारी का शाम को दिल का दौरा पड़ने से बांदा के अस्पताल में मृत्यु हो गई थी। उधर, सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा है कि पूर्व विधायक मुख़्तार अंसारी की जिन परिस्थितियों में मृत्यु हुई वह अत्यधिक चिंताजनक है। उन्होंने न्यायालय में अर्ज़ी देकर पहले ही जहर के द्वारा अपनी हत्या की आशंका व्यक्त की थी। मौजूदा व्यवस्था में तो न जेल में कोई सुरक्षित, न पुलिस कस्टडी में और न अपने घर में। प्रशासनिक आतंक का माहौल पैदा करके लोगों को मुंह बंद रखने को विवश किया जा रहा है।
क्या मुख़्तार अंसारी द्वारा न्यायालय में दी गयी अर्ज़ी के आधार पर कोई न्यायिक जाँच के आदेश करेगी यूपी सरकार?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी जेल में बंद नेता मुख्तार अंसारी के निधन के बाद गुरुवार रात अपने आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। बैठक में डीजीपी प्रशांत कुमार और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया और हालात का जायजा लिया और अंसारी की मौत के कारण उत्पन्न सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को राज्यभर के सभी जिलों में कानून व्यवस्था बनाए रखने को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
2005 के बाद जेल से नहीं निकल सका मुख्तार
अक्तूबर 2005 में मऊ में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के दौरान दंगे भड़के और मुख्तार को जेल जाना पड़ा। इसके बाद 29 नवंबर 2005 को भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या हुई और फिर बदलती सरकारों के साथ जेलें भी बदलती रहीं, लेकिन मुख्तार अंसारी बाहर नहीं आ सका।
बड़ा बेटा जेल में बहू और पत्नी फरार
मुख्तार अंसारी का बड़ा बेटा और विधायक अब्बास जेल में है। बहू निकहत जेल से बाहर है। जानकारों के मुताबिक अब्बास अंसारी मऊ से सुभासपा के टिकट पर 2022 में विधायक बना। जबकि अब्बास की पत्नी निकहत बानो है, जिनपर कुल 9 मुकदमे हैं और वे इस समय जेल में हैं। वहीं दूसरा बेटा उमर अंसारी है, जिसपर छह मुकदमे हैं। वहीं, मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशा अंसारी फरार है, जिसपर कुल 13 मुकदमे हैं और गाजीपुर पुलिस ने 50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया है।
हार्ट अटैक से माफिया मुख्तार अंसारी की मौत
करीब ढाई साल से बांदा जेल में बंद पूरब के माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार देर रात हार्ट अटैक (कार्डिया अरेस्ट) से मौत हो गई। मुख्तार को मौत से करीब तीन घंटे पहले ही इलाज के लिए मंडलीय कारागार से मेडिकल कॉलेज लाया गया था। जहां नौ डॉक्टरों की टीम उसके इलाज में जुटी थी। रात करीब साढ़े दस प्रशासन ने मुख्तार की मौत की सूचना सार्वजनिक की। तब तक मुख्तार के परिवार का कोई सदस्य मेडिकल कॉलेज नहीं पहुंचा था।
आठ जेलों में रहा 18 साल छह महीने
मुख्तार अंसारी 25 अक्तूबर 2005 को जेल गया था और उसके बाद कभी जमानत पर बाहर नहीं आया। मौत से पहले वह 18 साल छह माह तक जेल की सलाखों के पीछे ही रहा। इस दौरान उसने गाजीपुर, मऊ, लखनऊ, उन्नाव, जौनपुर, रोपड़, चित्रकूट और बांदा जेल की सलाखों के पीछे सर्वाधिक समय बिताया।