अब महाकाल की भस्मारती में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या सीमित होगी
– गर्भगृह में गुलाल से आग की घटना के बाद कलेक्टर ने कहा कई बदलाव कर रहे, दर्शन का पूरा नया प्लान बन रहा
दैनिक अवंतिका उज्जैन।
महाकाल मंदिर में रोज तड़के 4 बजे होने वाली भस्मारती में अब श्रद्धालुओं की संख्या सीमित की जाएगी। मंदिर प्रबंध समिति ऐसे और भी कई तरह के बदलाव आने वाले समय में करेगी। इसका पूरा दर्शन का प्लान प्रशासन स्तर पर तैयार किया जा रहा है।
महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं उज्जैन के कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने मंदिर की दर्शन व्यवस्था को लेकर कहा कि होली की भस्मारती में केमिकल युक्त अनियंत्रित तरीके से गुलाल उड़ाने पर आग लगने की घटना के बाद प्रशासन कई तरह के बदलाव करने जा रहा है। इसके लिए गठित जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि भस्मारती में क्षमता से अधिक लोग एकत्रित थे। जबकि कम जगह में इतनी संख्या में लोग नहीं होना चाहिए। इसलिए अब प्रशासन भस्मारती में श्रद्धालुओं की संख्या सीमित करने जा रहा है। अभी तक 2 से ढाई हजार तक की संख्या में लोगों को भस्मारती में शामिल होने की अनुमति दे दी जाती थी। अब 1800 से ज्यादा लोगों को अनुमति नहीं देने का प्लान है। कलेक्टर ने कहा इतना ही नहीं दर्शन से लेकर मंदिर की तमाम व्यवस्थाओं में और भी कई बदलाव देखने को मिलेंगे।
गर्भगृह में आरती-पूजा के दौरान
सीमित संख्या में पंडे-पुजारी रहेंगे
गर्भगृह में रोज होने वाली भगवान महाकाल की आरती-पूजा के दौरान भी देखने में आया है कि बड़ी संख्या में पंडे-पुजारी और उनके प्रतिनिधियों के साथ सेवकों की फोज खड़ी रहती है। जबकि उनका वहां कोई काम नहीं रहता। इसलिए यहां भी संख्या निर्धारित करने का निर्णय ले लिया गया है। पुजारियों के निजी सेवकों की संख्या भी सीमित करेंगे।