नहीं समझ में आ रहा उज्जैन के मतदाताओं का ’मन’……अभी खाली है बीजेपी की सुझाव पेटी…
अभी तक पचास से ज्यादा नहीं आ सके जनता के सुझाव
उज्जैन। शहर के मतदाताओं के मन में क्या चल रहा है…इसका पता अभी न तो कांग्रेस को ही चल सका है और न ही बीजेपी को…! इसका उदाहरण बीजेपी की सुझाव पेटियां है जिनमें अभी तक पचास से ज्यादा लोगों के सुझाव नहीं पहुंच सके है।
दरअसल लोकसभा चुनाव के संकल्प पत्र के लिए बीजेपी जनता से सुझाव ले रही है और इसके लिए उज्जैन जिले सहित प्रदेश भर के जिला मुख्यालयों पर सुझाव पेटियां लगाई गई है। लेकिन उज्जैन के जिन चार स्थानों पर सुझाव पेटियां लगाई गई है उनमें महज पचास से ज्यादा सुझाव नहीं पहुंच सके है। गौरतलब है कि सुझाव पेटियों के अलावा पार्टी के ईमेल, वॉट्सएप, एसएमएस और इंटरनेट मीडिया के अन्य साधनों के माध्यम से भी सुझाव मांगे जा रहे है। लेकिन यदि उज्जैन की बात की जाए तो जानकारी मिली है कि जब से सुझाव पेटियां लगाई गई है तब से लेकर अभी तक महज पचास से ज्यादा लोगों ने अपने सुझाव देने में रुचि नहीं दिखाई है। इसी तरह व्हाट्सएप आदि से भी सुझाव देने वालों की संख्या बहुत कम आंकी गई है।
जिम्मेदारी से काम कर रहे है
ब्रह्मास्त्र से चर्चा करते हुए बीजेपी के शहर अध्यक्ष विवेक जोशी ने बताया कि उज्जैन-आलोट संसदीय सीट सहित प्रदेश की अन्य सभी 28 सीटों को जीतने के लिए मोर्चा और प्रकोष्ठों की जिम्मेदारी तय कर दी गई है। उज्जैन जिले में भी हमारे कार्यकर्ता अपनी जिम्मेदारी से काम कर रहे है। जोशी ने यह भी बताया कि अभी त्योहारों के कारण भले ही लोगों के सुझाव कम आए हो लेकिन इनकी संख्या अब बढ़ जाएगी। इसके अलावा महिला, किसान, युवा, पिछड़ा, अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति मोर्चा के पदाधिकारियों को अलग-अलग वर्ग के बीच जाकर संकल्प पत्र के लिए उनके सुझाव लेने का कार्य सौंपा है। चिकित्सा प्रकोष्ठ व अन्य प्रकोष्ठ के पदाधिकारी भी जागरूक जनों से संपर्क कर उन्हें पार्टी की विचारधारा से अवगत कराकर 2047 के विकसित भारत के लिए सुझाव ले रहे हैं।