वित्त वर्ष में इंदौर में 1.75 लाख से अधिक संपत्तियां पंजीकृत, विभाग ने 2415 करोड़ का राजस्व जुटाया
ब्रह्मास्त्र इंदौर
शहर में संपत्ति की खरीदी-ब्रिकी बढ़ती जा रही है। यह खुलासा पंजीयन विभाग के समाप्त हुए वित्त वर्ष 2023-24 के आंकड़ों से सामने आया है। इसमें पंजीयन विभाग ने रिकार्ड एक लाख 75 हजार 900 दस्तावेज पंजीकृत कर 2415 करोड़ का राजस्व एकत्रित किया। वित्त वर्ष 2022-23 में पंजीयन विभाग ने एक लाख 69 हजार 700 दस्तावेज पंजीकृत कर 2084 करोड़ रुपये राजस्व एकत्र किया था। गत वित्त वर्ष की अपेक्षा इस वित्त वर्ष में 15.8 प्रतिशत अधिक राजस्व एकत्र हुआ। दस्तावेज की बात करें तो 10 प्रतिशत अधिक दस्तावेज पंजीकृत हुए।
इंदौर पंजीयन विभाग के सभी कार्यालय मार्च में छुट्टी के दिन भी खुले रहे। वजह यह है कि मार्च में सर्वाधिक दस्तावेज पंजीकृत होते हैं। वित्त वर्ष 2023-24 के मार्च में 22177 दस्तावेज पंजीकृत हुए और 363 करोड़ रुपये का राजस्व जमा हुआ। वहीं वित्त वर्ष 2022-23 के मार्च में 20900 दस्तावेज पंजीकृत हुए थे और 309 करोड़ रुपये का राजस्व जमा हुआ था। इस वर्ष मार्च में 54 करोड़ अधिक राजस्व प्राप्त हुआ। वित्त वर्ष 2023-24 में वित्त वर्ष 2022-23 की अपेक्षा 331 करोड़ रुपये अधिक राजस्व प्राप्त हुआ। वहीं 6200 दस्तावेज अधिक पंजीकृत हुए।
इंदौर के सभी पंजीयन कार्यालय रविवार को भी खुले रहे। रविवार को 900 के करीब दस्तावेज पंजीकृत हुए। इससे विभाग को 15 करोड़ रुपये का राजस्व मिला। रंगपंचमी के दिन भी पंजीयन कार्यालय दोपहर 2 बजे बाद खुले थे और 600 दस्तावेज पंजीकृत हुए थे। आखिरी दिन पंजीयन कार्यालयों में आमजन के लिए पानी, कूलर और बैठक व्यवस्था की सुविधा भी की गई। सर्वर की समस्या में भी सुधार रहा।
इंदौर जिले में एक अप्रैल से संपत्ति की खरीदी-बिक्री की नई शासकीय गाइडलाइन दरें लागू होंगी। जिले के 2400 के करीब क्षेत्रों में नई दरों के अनुसार संपत्ति के दस्तावेज पंजीकृत होंगे। इसमें 10 से 95 प्रतिशत तक दरों में बढ़ोतरी की गई है। सुपर कारिडोर, बायपास, उज्जैन रोड और निपानिया क्षेत्र में सर्वाधिक कालोनियों में गाइडलाइन की दरें बढ़ी हैं।
इंदौर के आसपास के गांवों में भी कृषि भूमि की दरें भी बढ़ी है।