रमजान महीने में 11 वर्षीय अलीना नाज ने रखा तीसरा रोजा
सुसनेर। इस्लामिक कैलेंडर हिजरी के नवें महीने को रमजान महीना कहा जाता है। मुस्लिम समुदाय इस महीने को बेहद मुकद्स यानी परम पवित्र महीना मानते हैं। इस महीने की शुरूआत चांद देखने के बाद होती है। रमजान के दौरान मुस्लिम लोग रोजा रखकर अल्लाह की इबादत करते हैं। रमजान का महीना खत्म होने के बाद ईद का त्योहार पूरे विश्व में धूमधाम से मनाया जाता है। रमजान में मुस्लिम लोग रोजा रखने के लिए सुबह सूर्योदय से पहले ही सेहरी खा लेते हैं । इसके बाद पूरे दिन भूखे प्यासे रहकर खुदा का नाम लेते हैं । औरअल्लाह की इबादत करते हैं। शाम को इफ्तार के समय रोजा खोल लिया जाता है।इसी पवित्र महीने रमजान में रोजा रखने में बच्चे भी पीछे नहीं है। सुसनेर नगर में हरीकालोनी में रहने वाले शकील अहमद और डॉक्टर फराह खान की 11वर्षीय बेटी अलीना नाज ने भी अपना तीसरा रोज पूरा किया । रमजान का महीना इस वर्ष 10 अप्रैल तक चलेगा। रमजान महीने में कुछ रातें हैं ,जिसमें शबे कद्र आती है। 21 23 25 27 29इन रातों में पुरुष महिलाएं और बच्चे सब जागते हैं।और पूरी रात अल्लाह की इबादत करते हैं।