नर्मदा का पानी गऊघाट तक लाने के लिए पाइप लाइन बिछाने की तैयारी
जल्द जारी होंगे टेण्डर, जल संकट न हो इसलिए होगा पक्का बंदोबस्त
उज्जैन। नर्मदा नदी का पानी गऊघाट स्थित प्लांट तक लाने के लिए तैयारियां हो रही है और इसके लिए त्रिवेणी से लेकर गऊघाट तक पाइप लाइन बिछाई जाएगी। इसके लिए जल्द ही टेंडर जारी हो सकते है। भविष्य में शहर में जल संकट जैसी स्थिति न बने इसलिए इसके लिए पक्के बंदोबस्त किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए नगर निगम प्रशासन प्रयास कर रहा है वहीं महापौर मुकेश टटवाल भी पूरी ताकत लगा रहे है। उम्मीद है कि यह प्रयास जल्द ही सफल हो जाएगा।
गौरतलब है कि मुख्य पर्व स्नानों पर शिप्रा में नर्मदा का पानी लाकर मिलाया जाता है लेकिन
अब नगर निगम महापौर मुकेश टटवाल ने न केवल पीएचई के अधिकारियों से बात की है वहीं स्मार्ट सिटी के अधिकारियों को भी विश्वास में लिया है वहीं उन्होंने महापौर मद से भी राशि दी है ताकि ज्यादा का टेण्डर होने में किसी तरह से राशि का अड़चन न आ सके। गौरतलब है कि पीएचई ने हाल ही में शहर में एक दिन छोड़कर जल प्रदाय करने का फैसला लिया है और इसे लेकर न केवल शहरवासियों में चिंता हो गई है कि अभी तो अप्रैल माह ही शुरू हुआ है और जब अभी पानी
की यह स्थिति है तो फिर जून तक हालात कैसे हो जाएंगे। वर्तमान में गंभीर व गऊघाट फिल्टर प्लांट के जरिए शहर में जलप्रदाय होता है। इसके लिए गंभीर डेम के अलावा कुछ पानी क्षिप्रा नदी का भी लिया जाता है। गऊघाट प्लांट से शहर की करीब आधी आबादी को पानी सप्लाई होता है जिसमें अधिकांश भाग नए शहर व कुछ पुराने शहर का शामिल है। नर्मदा लाइन से गऊघाट प्लांट जुड़ने के बाद उन घरों में नर्मदा नदी का पानी भी पहुंचाया जा सकेगा जिनमें अभी गऊघाट प्लांट से गंभीर-क्षिप्रा का पानी आता है। ऐसे में गर्मियों में गंभीर में पानी कम होने पर नर्मदा का पानी शहर के लगभग आधे घरों तक सप्लाई किया सकेगा।
जरूरी है गंभीर का विकल्प
महापौर टटवाल ने चर्चा करते हुए बताया कि जिस वक्त शहर में गंभीर जलाशय बना था उस वक्त शहर की आबादी करीब चार लाख ही थी इसके बाद न केवल आबादी में बढ़ोतरी हुई है वहीं शहर का विकास भी तेजी से हुआ है। नई कॉलोनियां बनने के बाद टंकियों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है लेकिन गंभीर जलाशय की क्षमता जितनी है उससे न तो टंकियों को भरा जा सकता है और न ही गंभीर जलाशय से पूरे शहर की प्यास बुझाई जा सकती है। ऐसी स्थिति में गंभीर जलाशय का विकल्प होना बहुत जरूरी है। अर्थात एक अतिरिक्त बांध की जरूरत है ताकि गंभीर पर शहरवासियों की प्यास बुझाने पर पूरी तरह से बोझ न रहे।
तब भी दी थी महापौर मद से राशि
गौरतलब है कि वर्ष 2023 में भी नर्मदा के पानी को गउघाट प्लांट तक लाने के लिए पाइप लाइन बिछाने का काम किया गया था लेकिन जिस वक्त की यह बात थी उस वक्त एनवीडीए ने पाइप लाइन में पानी ही डालकर शुरू नहीं किया था बावजूद इसके अधिकारियों ने पाइप लाइन जोड़ने का काम शुरू कर दिया था। हालांकि पीएचई ने इस प्रोजेक्ट को स्मार्ट सिटी से स्वीकृत कराया था और ज्यादा का टेंडर आने पर महापौर टटवाल ने अपने मद से तीस -पैतीस लाख रूपए दिए थे। लेकिन अब महापौर का यह प्रयास है कि नए सिरे से पाइप लाइन त्रिवेणी से प्लांट तक डाली जाए। उन्होंने इस मामले में सीएम डॉक्टर मोहन यादव से भी चर्चा की है।