तीन दिन बाद सामने आया सच, हिरासत में माता-पिता फ्रीज में रखा मिला भाई-बहन की कलाई से निकला खून
उज्जैन। बोहरा समाज के भाई-बहन की मौत का तीन दिन बाद सच सामने आ गया। दोनों ने योजना बनाकर सुसाइड किया था, जिसमें मां सहयोगी रही थी। उसने दोनों की कलाई कटने पर निकले खून को कुवैत से आने वाले पति को दिखाने के लिये फ्रीज में रख दिया था। पूरा घटनाक्रम पिता की वजह से परिवार के तनाव में आने पर होना सामने आया है। मामले में पुलिस ने माता-पिता के खिलाफ भाई-बहन को आत्महत्या के लिये उकसाने का प्रकरण दर्ज कर हिरासत में ले लिया है।सैफी मोहल्ला सुगरा मंजिल में 29 मार्च की शाम किराये से रहने वाले बोहरा परिवार के भाई-बहन ताहेर पिता सादिक हुसैन बादशाह और जाहरा की लाश मिलना सामने आया था। जीवाजीगंज सीएसपी सुमित अग्रवाल, टीआई नरेन्द्रसिंह परिहार, एसआई हेमलता शाक्ता जांच के लिये पहुंचे थे। मामला संदेहास्पद होने पर एफएसएल टीम को बुलाया गया। भाई-बहन के हाथ की कलाई कटी हुई थी, लेकिन खून नहीं था। मौके से सुसाइड नोट बरामद कर पुलिस ने जांच में लिया था। तीन दिन बाद पूरे घटनाक्रम का सच सामने आया तो माता-पिता की भूमिका दोनों के सुसाइड में शामिल होना सामने आई। पिता 2003 से कुवैत में था और बच्चों पर ध्यान नहीं देता था। मां ने सुसाइड नोट लिखने के बाद पुत्र से हस्ताक्षर कराये थे। उसने अपनी आंखों के सामने दोनों को मराता देखा था, फिर भी आत्मघाती कदम उठाने से नहीं रोका था। पुत्र-पुत्री की आत्महत्या की योजना में मां पूरी तरह से शामिल थी, उसके बाद भी सच को छुपाएं रखा। पुलिस ने माता-पिता के खिलाफ आत्महत्या के लिये उकसाने की धारा 305, 306 में प्रकरण दर्ज हिरासत में लिया है। दोनों को बुधवार दोपहर न्यायालय में पेश किया जाएगा।
पिता ने भेजा था मैसेज मेरे पास रुपये कम
पुलिस के अनुसार सुसाइड करने वाला ताहेर 29 वर्ष का था। उसे बचपन से आंखों की गंभीर बीमारी थी। बढ़ती उम्र के साथ ताहेर को दिखना कम हो गया था। 21 साल पहले कुवैत जा चुके पिता ने घर आना भी छोड़ दिया था। जिसके चलते वह डिप्रेशन में रहने लगा था। 15 साल की बहन जाहरा का भाई से काफी लगाव था। वह भी पारिवारिक समस्या से तनाव में रहने लगी थी। दोनों की हालत देख मां भी डिप्रेशन में आ गई थी। उन्होने घटना से 2 दिन पहले पिता का मैसेज मिला था। जिसमें उसने कहा था कि मेरे पास रूपये कम है, कर्ज ज्यादा हो गया था। मुझसे तुम लोग ज्यादा उम्मीद मत रखना। पिता का मैसेज मिलने के बाद तीनों काफी दुखी हो गये थे और आत्महत्या की योजना बना ली।
मां लेकर आई थी सल्फास की गोलियां
घटनाक्रम का सच जानने के लिये पुलिस ने मां फातिमा को हिरासत में लिया था। जिसने बताया कि तीनों साथ मराना चाहते थे। वह खुद सल्फास की गोलियां लाई थी। लेकिन घटना वाले दिन ताहेर और जाहरा ने सुबह नींद की गोलियां खा ली, वह स्कूल में पढ़ती थी। दोनों से उसे स्कूल जाने का कहा। शाम को घर लौटी तो दोनों जिंदा मिले। उसके बाद ताहेर ने कहा कि हमारे मरने के बाद पिता को खून दिखाना। उसने अपने हाथ की कलाई काटी, फिर जाहरा की कलाई काट दी। उनका बहता खून तपेली में एकत्रित किया और पति के लौटने पर दिखाने के लिये फ्रिज में रख दिया। कलाई कटने पर दोनों की मौत नहीं हुई तो उन्होने सल्फास की गोली खा ली।
पिता ने नहीं समझी अपनी जिम्मेदारी
पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने बताया कि बच्चों ने सुसाइड नोट में पिता के ना होने और परिवार की जिम्मेदारी नहीं संभालने का उल्लेख किया है। वहीं मां शिक्षिका है जो जानती थी कि बच्चे में डिप्रेशन आ रहा है इस तरह की घटना कर सकते है। बेटे के बताने के बावजूद और नींद की गोलियां खाने पर भी मां अपने कार्य के लिये स्कूल चली गई साथ ही उसने बच्चों की आत्महत्या में सहायता भी की और दुप्रेरण भी किया। जिसके चलते माता-पिता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।