घर परिवार की दशा सुधारने के लिए सुहागिन महिलाओं ने दशा माता का व्रत रख सुनी कथा
ब्यावरा । दशा माता कोई और नहीं बल्कि मां पार्वती का ही स्वरूप है. दशा माता का व्रत, घर-परिवार के बिगड़े ग्रहों की दशा और परिस्थितियों को अनुकूल बनाने के लिए किया जाता है. आज सुहागिन महिलाओ ने पूजा और व्रत करके गले में डोरा पूजा का धागा पहना ताकि परिवार में सुख-समृद्धि, शांति, सौभाग्य और धन संपत्ति बनी रहे. ब्यावरा नगर के सुठालिया रोड स्थित यादव धर्मशाला के समीप और अग्रवाल धर्मशाला में आज सभी सुहागिन महिलाओ ने होली दशा माता और पीपल की पूजा कर सौभाग्य, ऐश्वर्य, सुख-शांति और अच्छी सेहत की कामना की हैं।
खाचरौद। नगर में दशामाता के पुजन के लिये महिलाओ ने की पीपल वृक्ष का पुजन व परिवार के लिये खुशहाली का आशीर्वाद लिया। घरो पर दशामाता की चिन्ह हाथो के छाप लगाकर महालक्ष्मी के प्रतीक झाड़ू का पुजन किया गया। प्रात: 5 बजे से महिलाएॅ दशामाता का पुजन के लिये प्रसादी बनाकर मंदिरो में स्थापित पीपल वृक्ष का पुजन ,कंठी ग्रहण, करने के लिये अधिक संख्या में एकत्रित हुई। नगर के प्रमुख शीतला माता मंदिर शितलामाता मार्ग, रामोला मंदिर, मुखियागली आदि अनेको स्थानो पर महिलाओ का पुजन के लिये तांता लग गया।
तराना। चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को दशा माता का पूजन किया जाता है। गुरुवार को नगर में महिलाओं ने दशा माता का विधि विधान से पूजन किया। महिलाओं ने पीपल के वृक्ष का पूजन करने के बाद परिक्रमा कर दशा माता का धागा धारण कर सुख समृद्धि सौभाग्य का वरदान मांगा घर की दशा सुधारने की मनोकामना के साथ महिलाओं द्वारा व्रत कर पूजन किया गया।
रुनीजा । दशा माता का व्रत स्वास्थ्य, सुख सम्रद्धि का सन्देश भी देता। इस व्रत को लेकर एक-दो दिन पूर्व से ही घर घर ब्रहामण जन कच्चे सूत के बने बने डोरे (धागे) महिलाओं को देते हैं। और दशमी के रोज सुबह जल्दी उठकर घर की महिलाएं घर की साफ सफाई कर ,आंगन में लीपना , छाबना करने के बाद स्नान ध्यान कर सोलह सिंगार कर पीपल के वृक्ष की पूजा कर सवस्थ्य जीवन ,सुख , समृद्धि व घर की दशा सुधारने आशीर्वाद दशा माता से मांगा। और कच्चे सूत को पीपल पर लपेटकर 108 परिक्रमा की। पेड़ के पास में ही खेत बनाकर घर से लाए गए चने गेहूं खेत बोए और सुख समृद्धि की कामना दशा माता से पंडित जी से दशा माता की कथा में नल राजा व दयमंती रानी की कथा सुनी। पुरुष भी इस व्रत में महिलाओं का सहयोग प्रदान करते हैं और घर से सुबह जल्दी जंगल में जाकर खजूर के पेड़ से झाड़ू काट कर लाते हैं। और महिलाएं लक्ष्मी स्वरूपा झाडू की पूजा कर झाड़ू से भी आशीर्वाद मांगती हैं । चामुंडा धाम गजनी खेड़ी के माता चामुंडा के मंदिर परिसर में वर्षों पुराने स्थित पीपल के वृक्ष की गांव की सभी महिलाओं ने पूजा अर्चना की इसी प्रकार से रुनीजा में शीतला माता मंदिर, रत्नेश्वरी माता मंदिर पर भी महिलाओं ने पीपल के वृक्ष की पूजा अर्चना की । समीपस्थ ग्राम बड़गांवा में भी दशा माता का पर्व धूमधाम से मनाया गया स्कूल प्रांगण में स्थित शिव मंदिर पर पूरे गांव की महिलाएं ने दशा माता से प्रार्थना करते हुए पीपल के वृक्ष की पूजा की और कच्चा सूत लपेटकर 108 परिक्रमा की ।