शासन के पास पैसा नहीं तो बताएं, हम आदेश में लिख देंगे ‘प्रदेश में वित्तीय आपातकाल है’- मप्र हाईकोर्ट
ग्वालियर। मप्र हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में युगलपीठ के समक्ष स्वर्णरेखा नदी का पुनरुद्धार, शहर में ट्रंक लाइन, सीवरेज सिस्टम और सालिड वेस्ट से जुड़े मामले में लगी जनहित याचिका में गुरुवार को सुनवाई हुई। नगर निगम आयुक्त हर्ष सिंह, स्मार्ट सिटी सीईओ नीतू माथुर के साथ वन विभाग, पीडब्ल्यूडी सहित अन्य विभागों के अधिकारी सुनवाई में मौजूद रहे। सवाल-जवाब का दौर ट्रंक लाइन के मुद्दे से शुरू हुआ, जहां दिल्ली की कंपनी से आए प्रतिनिधि से जस्टिस रोहित आर्या ने कई सवाल किए।
सुधार कार्यों में होने वाले खर्चे पर बात करते हुए जस्टिस रोहित आर्या ने चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य की बात है, प्रदेश शासन के पास दो करोड़ नहीं हैं देने के लिए और स्मार्ट सिटी की बात करते हैं। उन्होंने शासन का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता से कहा कि शासन कहे इस बात को कि हमारे पास पैसा नहीं हैं तो सब कुछ सुनने के बाद हम आदेश में लिख देंगे कि प्रदेश में इस समय वित्तीय आपातकाल है।
सुनवाई के दौरान जस्टिस आर्या ने नगर निगम के अभियंताओं से सवाल पूछे, वहीं उनकी नाराजगी बढ़ने लगी। उन्होंने आयुक्त हर्ष सिंह से पूछा कि तुम्हारे नगर निगम के इंजीनियर आए हैं क्या यहां पर, जिस पर हर्ष सिंह बोले कि हां, सर सभी यहीं हैं, निगम की पूरी टीम है।