बुजुर्ग और दिव्यांगों के लिए आई महाकाल मंदिर के दान में ई-कार्ट गाड़ियों का वीआईपी उठा रहे फायदा
आम श्रद्धालुओं को नहीं मिल रहा इस सुविधा का लाभ
अतिथि गृह में खड़ी कर रखी है गाड़ियों को
ब्रह्मास्त्र उज्जैन
महाकाल मंदिर में वीआईपी का कुछ ज्यादा ही बोलबाला है। आम श्रद्धालु अभी भी महाकाल दर्शन के साथ महाकाल लोक कॉरिडोर घूमने में कठिनाई उठा रहे हैं। महाकाल लोक बनने के बाद कॉरिडोर घूमने के लिए कई संस्थाओं ने यहां बुजुर्ग, दिव्यांग लोग जिनसे पैदल नहीं चलाया जाता है उनके लिए ई कार्ट गाड़ियां दान की थी और गाड़ियां दान करते समय कहा गया था कि जिन लोगों से पैदल नहीं चला जाता है वह इस गाड़ी में बैठकर कॉरिडोर घूमेगा लेकिन दान में आई इन ई-रिक्शा का लाभ वीआईपी को दिया जा रहा है।
सामान्य श्रद्धालु जैसे बुजुर्ग व दिव्यांग व बच्चे जिनसे पैदल नहीं चला जाता है। वह अभी भी इस सुविधा से वंचित है दान में आई इन ई-कार्ट गाड़ियों का फायदा वीआईपी उठा रहे हैं।अधिकतर ई-कार्ट गाड़ियां अतिथि गृह के नीचे बेसमेंट में खड़ी रहती है। जब भी कोई वीआईपी अतिथि गृह में पहुंचता है और महाकाल लोक घूमने की इच्छा करता है तो उसे तुरंत यह इलेक्ट्रिक गाड़ियां उपलब्ध करा दी जाती है। लेकिन जब भी कोई आम श्रद्धालु अपने बुजुर्ग माता-पिता जिनसे पैदल नहीं चलाता है। उन्हें लेकर महाकाल लोक कॉरिडोर घूमने जाता है तो उन्हें यह ई-कार्ट गाड़ियां उपलब्ध नहीं होती है।आम दर्शनार्थियों को गार्ड यह कहकर चलता कर देते हैं कि अभी गाड़ी फ्री नहीं है। महाकाल लोक बनने के बाद शुरू में कुछ दिन आम श्रद्धालु को इन ई-कार्ट गाड़ियों का लाभ मिला। लेकिन अब ये गाड़ियां वहां से हटाकर अतिथि गृह में लाकर खड़ी कर दी गई है। इस कारण इन ई-कार्ट गाड़ियों का सामान्य बुजुर्ग व दिव्यांग व बच्चे लाभ नहीं ले पा रहे हैं और ना ही इनको यह गाड़ियां उपलब्ध करवाई जा रही है। अब तो स्थिति यह है कि ई-कार्ट गाड़ियां गिनी चुनी ही शंखद्वार के आसपास खड़ी रहती है बाकी सब गाड़ियां अतिथि गृह के नीचे बने बेसमेंट में खड़ी रहती है।
जिन लोगों को इस सुविधा का लाभ मिलना चाहिए उन्हें नहीं मिल रहा
महाकाल लोक बनने के बाद अधिकारियों ने कहा था कि बुजुर्ग व दिव्यांग व जिन लोगों से पैदल नहीं चलाता है उनको महाकाल लोक कॉरिडोर घूमने के लिए ई गाड़ियां चलाई गई है। इसके बाद दो दर्जन के लगभग ई-कार्ट गाड़ियां एक बैंक द्वारा मंदिर समिति को दान में दी गई थी। इसके साथ ही कुछ प्राइवेट संस्थानों ने भी ई-कार्ट गाड़ियां दान की थी और उस समय कहा था कि इन गाड़ियों का इस्तेमाल बुजुर्ग, दिव्यांग के साथ जिन लोगों से पैदल नहीं चलाता है उनको ये गाड़ियां उपलब्ध करवाई जाएगी। लेकिन हकीकत कुछ अलग ही है दान में आई ई-कार्ट गाड़ियों का इस्तेमाल महाकाल लोक में ड्यूटी देने वाले सुरक्षा गार्ड व पुलिस कर्मी कर रहे हैं और कुछ इलेक्ट्रिक गाड़ियां वीआईपी की आओ भगत में लगाई गई है जो अतिथि गृह में हमेशा उपलब्ध रहती है। लेकिन जिन लोगों को इस सुविधा का लाभ मिलना चाहिए उन्हें यह लाभ नहीं मिल रहा है।