घर की दशा सुधारने किया दशा माता का पूजन
सुसनेर। प्रतिवषार्नुसार इस वर्ष भी महिलाओं ने होली के दस दिवस बाद आने वाली दशमी पर गुरुवार को यहां परम्परानुसार परिवार की सुख समृद्धि के लिए वृत रख दशामाता की पूजा पीपल के वृक्ष की परिक्रमा लगाकर की। मान्यता अनुसार गृह दशा सुधारने और सुख-समृद्धि की कामना के लिए महिलाएं दशामाता का पूजन करती है। इस दिन महिलाओं ने कच्चा सूत पेड़ पर लपेटकर सुख-सौभाग्य की कामना की गई। अपने जीवन की दशा और दिशा को सुव्यवस्थित करने के लिए जीवन में धन-धान्य और सुख समृद्धि प्राप्ति के लिए महिलाएं दशा माता का पूजन करती है। नगर सहित ग्रामीण अंचल में जगह जगह लगे पीपल के वृक्ष की महिलाओं ने परम्परानुसार व्रत रखकर पूजा कर सूत का धागा बांधकर ग्यारह परिक्रमा की और धागा अपने गले में भी धारण किया। महिलाओं ने अपने घर की दशा सुधारने के लिए माता से प्रार्थना भी की। आपको बता दें कि जिस सूत के धागे को महिलाएं इस व्रत के दौरान धारण करती है उसे वह पूरे वर्ष अपने गले में बांधे रखती है। यह धागा एक साल पूरा होने पर अगली दशा माता के पूजन पर ही बदला जाता है। इस परम्परा का निर्वहन करने के लिए पीपल के वृक्ष के समीप ही महिलाओं ने दशा माता की कथा का भी श्रवण किया। सुसनेर में श्री राम मंदिर धर्मशाला प्रागंण, बडा जीन परिसर, विधायक कार्यालय के समीप, मेला ग्राउण्ड क्षेत्र, रामद्वारा मंदिर, चोष्टी माता मंदिर, जुनीकचहरी क्षेत्र, इतवारिया बाजार क्षेत्र में पीपल के वृक्ष की पूजा महिलाओं द्वारा की गई। इस दौरान पूजन करने के लिए सुबह से तक महिलाओं की भीड हुई। महिलाओं ने यहां दशामाता की कहानी भी सुनी। मान्याता अनुसार दशामाता मां पार्वती का ही स्वरूप है। चौत्र माह की कृष्ण पक्ष तिथि को दशा माता की पूजा करने से घर परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है और सभी परेशानियां व कष्ट दूर हो जाते हैं। दशा माता पूजन के दिन त्रिवेणी वृक्षों यानि तीन वृक्षों पीपल, नीम, और बरगद की पूजा करने का विधान है।
जगोटी। गुरूवार को गांव की महिलाओं ने विभिन्न मंदिरों के समीप पीपल के वृक्ष पर दशा माता की पूजा अर्चना करते हुए पीपल पर सफेद धागे को बांधते हुए परिक्रमा की । लगभग आधा दर्जन मंदिरों पर महिलाओं ने दशा माता का पूजन कर कथा का श्रवण करते हुए घरों पर सौभाग्य सूचक हल्दी के छापे लगाए। चारभुजा मंदिर के पुजारी पंडित बनवारी लाल शर्मा ने कहा कि घरों में सुख-समृद्धि व बुरी दशा के निवारण के लिए दशा माता की पूजा की जाती है।