गर्मी का मौसम शुरू… लेकिन शहर की राजनीति में नहीं दिखाई दे रही चुनावी गर्मी
न कांग्रेसियों में ज्यादा उत्साह और न बीजेपी कार्यकर्ताओं में वह गर्मजोशी
ब्रह्मास्त्र उज्जैन
गर्मी का मौसम तो शुरू हो गया है लेकिन फिलहाल शहर की राजनीति में चुनावी गर्मी दिखाई नहीं दे रही है। इसका कारण भले ही आम जनता को समझ में नहीं आ रहा होगा लेकिन शहर के राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि बीजेपी अपनी जीत तय मान रही है जबकि कांग्रेस सिर्फ चुनावी औपचारिकता को ही निभा रही है…!
लिहाजा न कांग्रेसियों में ज्यादा उत्साह है और न ही बीजेपी के कार्यकतार्ओं में वह गर्मजोशी दिखाई दे रही है जो बीते विधानसभा चुनाव में सामने आई थ बता दें कि उज्जैन में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान 13 मई को होना है और मतदान के समय में एक माह भी नहीं बचा है लेकिन जिस तरह से शहर में राजनीतिक सरगर्मी परवान चढ़ना थी, नहीं दिखाई दे रही है। बीजेपी के नेताओं की यदि माने तो पार्टी के उम्मीदवार अनिल फिरोजिया की जीत तय है। बीजेपी नेता यह भी मानते है कि कांग्रेस में वो दम अब नहीं बचा है जो हमारे उम्मीदवार को जोरदार टक्कर दे सकें। लिहाजा बीजेपी कांग्रेस की मौजूदा स्थितियों को देखते हुए अपने उम्मीदवार का वाक ओवर ही मान रही है। हालांकि कांग्रेस बीजेपी उम्मीदवार को टक्कर देने का दावा जरूर कर रही है लेकिन कांग्रेस के सूत्र यह भी बताते है कि जिस तरह से कांग्रेस के नेता एक के बाद पार्टी को छोड़कर बीजेपी में जा रहे है उससे शहर कांग्रेस के मौजूदा लोग अंदर ही अंदर टूट गए है, लिहाजा लोकसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार के लिए चुनाव प्रचार करना या फिर मतदाताओं से संपर्क करना महज चुनावी औपचारिकता ही है। कांग्रेस की स्थिति को देखते हुए ही बीजेपी अपनी जीत न केवल पक्की मान रही है वहीं कांग्रेस उम्मीदवार से किसी तरह वोटों का प्रतिशत कम होने का खतरा भी नहीं माना जा रहा है। गौरतलब है कि कांग्रेस ने महेश परमार को अपना उम्मीदवार बनाया है।
भारती और चुन्नू के बाद मालवीय ने भी दिया तगड़ा झटका
हाल ही में तीन बार विधायक रहने वाले और दिग्गी राजा के करीबी माने जाने वाले कांग्रेस नेता रामलाल मालवीय ने कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी को ज्वाइन किया है और उनके साथ 250 कांग्रेस कार्यकतार्ओं ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया है। ऐन लोकसभा चुनाव के समय मालवीय ने कांग्रेस को तगड़ा झटका दिया है। मालवीय के पहले योगेश शर्मा उर्फ चुन्नू भैया भी कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में शामिल हो चुके है जबकि सिंधिया के खास राजेन्द्र भारती ने भी उसी वक्त कांग्रेस को छोड़ दिया था जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस को छोड़कर कमलनाथ की सरकार को गिरा दिया था। कुल मिलाकर राजेन्द्र भारती, योगेश शर्मा और अब रामलाल मालवीय जैसे मजबूत कांग्रेसियों के कांग्रेस छोड़ने से जिले में कांग्रेस ओर अधिक कमजोर हो गई है। इसका असर भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चुनाव परिणाम में देख रहे है।