इस साल दो क्रूर ग्रहों के सत्ता संभालने से देश दुनिया पर बड़े खतरों के संकेत
आज से ब्रह्माण्ड का सत्ता परिवर्तन, राजा मंगल ,मंत्री होंगे शनि – डॉ मृत्युञ्जय तिवारी
चैत्र महीने की प्रतिपदा के दिन सूर्य उदय के समय के वार के स्वामी को वर्ष का राजा कहा जाता है। और इसी दिन से सनातनी नववर्ष का आरंभ होता है । इस साल चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से आरंभ होंगे और इसी दिन से नव संवत् 2081 का आरंभ हो जाएगा। इस बार वर्ष के राजा मंगल और मंत्री शनि होने से बड़ी घटनाओं की आशंका जताई जा रही है। संहिता ज्योतिष के दृष्टिकोण से देखें तो यह ग्रह स्थिति वर्ष भर की शुभ-अशुभ बड़ी घटनाओं के फलकथन के लिए बड़ी महत्त्वपूर्ण है।
श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी ने बताया कि चैत्र महीने की प्रतिपदा के दिन सूर्य उदय के समय के वार के स्वामी को वर्ष का राजा कहा जाता है। इस वर्ष चैत्र प्रतिपदा की तिथि 9 अप्रैल को मंगलवार पड़ने से इस वार के स्वामी क्रूर ग्रह मंगल वर्ष के राजा हुए। सूर्य का मेष राशि में संचार इस वर्ष 13 अप्रैल को रात्रि के समय शनिवार को हो रहा है अतः वर्ष के मंत्री का पद क्रूर ग्रह शनि को मिलता है। ऐसा बहुत कम ही होता है कि जब वर्ष के राजा और मंत्री का स्वामित्व दो क्रूर ग्रहों को मिले इस कारण से इस वर्ष ज्योतिषीय दृष्टिकोण से कुछ बड़ी अनहोनी घटनाओं के होने की आशंका है।
राजनीतिक उठापटक, तेज़ गर्मी और अनहोनी घटनाओं की आशंका
आगामी 8 अप्रैल को रात्रि 11 बज कर 50 मिनट पर भारतीय मानक समय अनुसार जब सूर्य और चन्द्रमा दोनों मीन राशि में एक ही अंशों पर आ जाएंगे तो उस समय बनने वाली कुंडली इस वर्ष धनु लग्न की है जो कि आज़ाद भारत की वृषभ लग्न से अष्टम भाव की राशि हो कर इस वर्ष कुछ बड़ी अनहोनी घटनाओं का संकेत दे रही है। वर्ष के राजा मंगल होने से अग्निकांड, तेज़ गर्मी , बड़ी दुर्घटनाओं तथा आतंकी हमलों के बढ़ने से भारत सहित दुनिया के कई देशों में जनता को कष्ट होगा। मंत्री शनि होने से इस वर्ष बड़े देशों जैसे अमेरिका और रूस में आपसी विवाद बेहद तेज़ी से बढ़ेंगे जिससे विश्व अर्थव्यस्था पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। नववर्ष की कुंडली में तीसरे भाव में शनि और मंगल की युति भारत में पत्रकारों, मीडिया संस्थानों और कलाकारों के लिए अशुभ है। इस वर्ष कुछ बड़े पत्रकारों और मीडिया संस्थानों को सरकारी हस्तक्षेप और जांच एजेंसियों की कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है। किन्तु खेल जगत में भारत को इस वर्ष पेरिस में होने वाले ओलंपिक खेलों में बड़ी सफलता मिल सकती है। हिंदू नव वर्ष की कुंडली में पंचम भाव में बुध और गुरु जैसे शुभ ग्रहों की स्थिति भारत में फिल्म जगत तथा मनोरंजन से सम्बंधित कार्यों के लगे लोगों के लिए शुभ है l विद्यार्थियों को भी इस वर्ष में सरकार की रोजगार सम्बन्धी नीतियों से कुछ लाभ मिलने की संभावना बनती है।
सीमा विवाद , संवैधानिक संस्थाओं से सरकार का टकराव बढेगा-
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तीसरे भाव को सीमा विवादों के लिए देखा जाता है। नववर्ष की कुंडली में तीसरे भाव में शनि-मंगल की खतरनाक युति इस वर्ष गर्मियों के दिनों में पाकिस्तान और चीन से लगने वाली हिमालय क्षेत्र की सीमाओं पर किसी बड़े संकट का संकेत है। तुला राशि से प्रभावित जम्मू-कश्मीर में इस वर्ष सितंबर से पूर्व चुनाव होने हैं, ऐसे में गर्मी के दिनों में कश्मीर में बर्फ पिघलने पर सीमा पार से बड़ी आतंकी घुसपैठ की आशंका बन रही है। विशेषकर मई-जून के महीने में मंगल के मीन राशि में गोचर के समय किसी बड़ी आतंकी घटना के योग जम्मू-कश्मीर में बन रहे हैं जिससे भारत-पाक सीमा पर तनाव बढ़ेगा। गलवान घाटी में इस वर्ष भारत और चीन की सेनाओं में कुछ स्थानों पर हिंसक मुठभेड़ हो सकती है जिसमें चीन की भारी क्षति होगी। नववर्ष की कुंडली में चतुर्थ भाव में सूर्य, चन्द्रमा और शुक्र का योग इस वर्ष किसानों को अच्छी फसल से लाभ होने का ज्योतिषीय संकेत है किन्तु किसान संगठनों की न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी रूप से लागू करने की मांग पूरी होने की कोई संभावना नहीं दिख रही। मंगल के तीसरे घर में होने से उसकी आठवीं दृष्टि दशम भाव पर पड़ रही है जिससे केंद्र सरकार विपक्ष के नेताओं पर चल रहे मुकदमों और जांच में कठोर निर्णय ले सकती है। केंद्र सरकार का इस वर्ष न्यायपालिका और अन्य संवैधानिक संस्थाओं से टकराव आश्चर्यजनक तेज़ी से बढ़ सकता है।