चैत्र नवरात्रि आज से, शक्तिपीठ हरसिद्धि में जलेगी दीपमालिकाएं
आज मुहूर्त में होगी घटस्थापनाएं सुबह-शाम शृंगार, आरती दर्शन होंगे
दैनिक अवन्तिका उज्जैन
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा गुड़ी पड़वा मंगलवार से नवरात्रि पर्व शुरू हो जाएगा। देश के 51 शक्तिपीठों में एक उज्जैन के प्रसिद्ध हरसिद्धि मंदिर में प्राचीन दीपमालिकाएं प्रज्जवलित की जाएगी।
हजारों लोग मां हरसिद्धि के दरबार में दर्शन-पूजन के लिए उमड़ेंगे। हरसिद्धि मंदिर के पुजारी रजत गोस्वामी ने बताया चैत्र नवरात्रि बड़ी नवरात्रि कहलाती है। इसमें देवी की विशेष आराधना, पूजा-पाठ किए जाते हैं। जवारे बोए जाएंगे। ज्योत जलाई जाएगी। शृंगार होगा। शाम को महाआरती होगी व संध्या के समय दोनों दीपमालाएं प्रज्वलित की जाएगी। चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा से सृष्टि का आरंभ माना गया है। इसलिए भी इस नवरात्रि का खास महत्व है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पंडित अमर डब्बावाला ने बताया कि सुबह से शाम तक श्रेष्ठ मुहूर्त में घट स्थापना की जा सकती है। चैत्र नवरात्रि के नौ दिन में देवी की साधना से मनोवांछित फल मिलता है।शुभ, लाभ और अमृत के चौघड़िए में पूर्व दिशा के ईशान कोण में पृथ्वी पर जल या गंगा जल से लेपन कर स्वास्तिक बनाएं, अक्षत अर्पित करें और ताम्र कलश में जल भरकर वैदिक मंत्र के माध्यम से कलश स्थापित करें।
आज घट स्थापना के
ये रहेंगे श्रेष्ठ मुहूर्त
प्रात: 9 से 10.30 बजे तक चंचल, 10.30 से दोपहर 12 बजे तक लाभ, 11.30 से 12.30 बजे तक अभिजीत, दोपहर 12 बजे से 1.30 बजे तक अमृत और दोपहर 3 से सांय 4.30 बजे तक शुभ के चौघड़िए में घट स्थापना की जा सकती है।
चामुंडा, गढ़कालिका
आदि देवी मंदिरों में लगेगा भक्तों का मेला
उज्जैन में कई प्राचीन देवी मंदिर है जहां चैत्र की नवरात्रि पर प्रतिदिन धार्मिक अनुष्ठान किए जाएंगे। सुबह-शाम ढोल-नगाड़ों से महाआरती की जाएगी। दर्शन के लिए भक्त उमड़ेंगे।इनमें चामुंडा, गढ़कालिका, नगरकोट की महारानी सहित कई प्रसिद्ध देवी मंदिर शामिल है।
हरसिद्धि की दीपमालिकाएं अगले महीनों तक अभी से बुक हो गई
हरसिद्धि मंदिर में लगी दीपमालिकाओं को भक्तों की ओर से मंदिर समिति में निर्धारित राशि जमा कर जलवाई जाती है। इसमें तेल, दीपक व पूजन सामग्री सहित दीपमाला जलाने वाले का खर्च आदि सब शामिल रहता है। समिति के लोगों ने बताया वैसे तो प्रति दीपमाला जलाने में 8 से 10 हजार रुपए तक खर्च हो जाते हैं। लेकिन नवरात्रि में एक से अधिक संख्या में भक्तों की ओर से दीपमालिकाएं जलती है। इसलिए इसकी राशि समिति कम कर देती है। बताया जाता है कि साल 2024 के लगभग सभी महीने दीपमाला जलाने के लिए पहले से बुक कर लिए गए हैं।