दैनिक अवंतिका उज्जैन। भूतड़ी अमावस्या पर सोमवार को उज्जैन के कालियादेह महल स्थित 52 कुंड पर भूत-प्रेत उतारने के लिए देशभर से हजारों लोग उमड़े। कुंड में डुबकी लगाकर नहान किया और पंडितों से पूजन भी कराया।   

शिप्रा नदी के रामघाट और भैरवगढ़ स्थित सिद्धवट घाट पर भी अल सुबह से श्रद्धालु नहान व दान-पुण्य के लिए पहुंचे। मध्यप्रदेश, राजस्थान उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के अंचलों से अधिक संख्या में शहरी व ग्रामीण श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। 

आत्मा को भगाने के लिए लोहे 

चेन, चाकू व तलवार लेकर पहुंचे

– 52 कुंड पर बड़ी संख्या में महिला व पुरुष बुरी आत्माओं के साए को भगाते नजर आए। 

– लोगों के हाथों में तलवार, चाकू व लोहे की चेन भी नजर आई। जिससे वह अपने आप को चोट पहुंचाते दिखे। 

– भारी के चलते प्रशासन ने इस बार काफी अच्छे इंतजाम किए। 

– गहरे पानी में जाने वालों को लगातार चेतावनी दी जा रही थी। 

– दो पहिया और कार, बस आदि वाहनों के लिए पार्किंग की सुविधा की गई। 

अमावस्या पर 52 में से सूर्य 

व ब्रह्म कुंड में डुबकी का महत्व

उज्जैन के 52 कुंड को लेकर ऐसी मान्यता है कि भूतड़ी अमावस्या के दिन सूर्य व ब्रह्म कुंड में डुबकी लगाने से बुरी आत्मा का साया खत्म हो जाता है। अला बला दूर हो जाती है। इसलिए हर साल अमावस्या पर यहां बड़ी संख्या में लोग अमावस्या पर उमड़ते हैं। 

पितरों की पूजा के लिए भी यह 

अमावस्या खास, इसलिए तर्पण

चैत्र कृष्ण की अमावस्या पितरों की शांति के लिए किए जाने वाले पूजन-अर्चन के लिए भी खास है। इसलिए लोग इस अमावस्या पर उज्जैन आकर शिप्रा के तट पर पंडितों से पिंडदान व तर्पण श्राद्ध जरूर कराते हैं। इस बार सोमवार होने से सोमवती अमावस्या का विशेष संयोग बनने से घाटों पर दिनभर हजारों लोग पूजन कराने उम़ड़े।