शरीर की सुरक्षा पद्धति को मजबूत और सक्रिय बनाती है होम्योपैथी
– 10 अप्रैल होम्योपैथी जनक डॉ. सेम्युअल हेनीमेन का जन्म दिवस
शरीर की सुरक्षा पद्धति को मजबूत और सक्रिय बनाती है होम्योपैथी
विश्व होम्योपैथी दिवस 2024: यह होम्योपैथी के संस्थापक डॉ. सैमुअल हैनीमैन की जयंती के अवसर पर 10 अप्रैल को मनाया जाता है। आइए विश्व होम्योपैथी दिवस, 2024 की थीम, इसके इतिहास और होम्योपैथी के बारे में कुछ प्रमुख तथ्यों पर विस्तार से नज़र डालें।
यह चिकित्सा के क्षेत्र के महत्व को उजागर करने के लिए दुनिया भर में प्रतिवर्ष 10 अप्रैल को मनाया जाता है। यह दिन डॉ सैमुअल हैनीमैन की जयंती मनाने के लिए भी मनाया जाता है। इस दिन को डब्ल्यूएचडी डे भी कहा जाता है। यह दिन होम्योपैथी पेशे के लिए महत्वपूर्ण दिन बन गया है क्योंकि यह आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में मनाया जाता है। विश्व होम्योपैथी दिवस का लक्ष्य दुनिया भर के चिकित्सकों, उत्साही और समर्थकों को एक साथ लाकर होम्योपैथी के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना है। यह हमें शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने, विशिष्ट होम्योपैथिक चिकित्सक की सफलता दर में सुधार करने की अनुमति देता है, इसलिए होम्योपैथी हर घर में पसंदीदा उपचार विकल्प हो सकता है।
आज की तेज़-तर्रार दुनिया में, की तलाश केवल लक्षण प्रबंधन से आगे बढ़ गई है। एक समग्र दृष्टिकोण की ओर एक आदर्श बदलाव आया है जो चेतना, शरीर और दिमाग के सामंजस्य को प्राथमिकता देता है। चिकित्सा परिदृश्य में अन्य विकल्पों के बीच होम्योपैथी एक मजबूत विकल्प के रूप में उभरी है। होम्योपैथी बीमारी को भौतिक शरीर और महत्वपूर्ण शक्ति के बीच गतिशील गड़बड़ी के परिणामस्वरूप परिभाषित करती है जो इसे स्वास्थ्य के लिए प्रेरित करती है।
होम्योपैथी दिवस 2024 की थीम-
विश्व होम्योपैथी दिवस 2024 के लिए थीम है- “होम्योपरिवार: एक स्वास्थ्य, एक परिवार” विशेषज्ञों का कहना है कि होम्योपैथिक दवाओं के बारे में जागरूकता और इसकी सफलता की दर को बढ़ाने से कई प्रकार की समस्याओं को ठीक किया जा सकता है।
असाध्य जटिल रोगों में भी प्रभावी-
आज होम्योपैथी सिर्फ सामान्य सी दिखने वाली बीमारियों को ठीक करने में ही उपयोगी नहीं हैं, अपितु असाध्य एवं जटिल रोगों में भी काफी प्रभावशाली है। होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति की दवा जुबान पर रखते ही अपना असर दिखाना शुरू कर देती है। वर्तमान में लगभग तीन हजार तत्वों का होम्योपैथी में इस्तेमाल हो रहा है। अब चाहे सर्दी- जुकाम हो या फिर विभिन्न क्रानिक बीमारियां जैसे अस्थमा, एलर्जी और आटोइम्यून डिस्आरडर, दवा की न्यूनतम खुराक से ही बेहतर परिणाम देखने को मिल रहे हैं। पैथी ऐसी चिकित्सा प्रणाली है जो इस विश्वास पर आधारित है कि शरीर स्वयं को ठीक कर सकती है। उपचार प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए रोग के आधार पर दवाएं दी जाती हैं, जिससे शरीर उस दोष का स्वयं से उपचार कर सके।
विज्ञान और तकनीक बहुत आगे-
आधुनिक युग में जहां विज्ञान और तकनीक बहुत आगे बढ़ गई है वहां आप यह कहें कि विज्ञान एवं कला का चिकित्सा में एक साथ प्रयोग करेंगे तो यह बात अद्भुत लगेगी, परंतु गहराई से सोचें तो लगेगा कि बीमारी के इलाज में इससे उत्तम बात और कोई नहीं हो सकती है, जो होम्यापैथी में देखने को मिलती है। बीमारी के कारण और उसकी संपूर्ण व्याख्या को समझने के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण आवश्यक होता है। मगर इलाज में दवाइयों के उपयोग करने में कला ही आवश्यकता होती है। यही होम्योपैथी का सार है। होम्योपैथी का पूर्ण व्यवहारिक उपयोग सबसे पहले डॉ. हैनीमैन ने किया। होम्योपैथी के अनुसार मस्तिष्क सर्वोपरि है।
सुरक्षा पद्धति को सक्रिय बनाती है-
होम्योपैथी में पाया गया कि जब हम उचित मात्रा में दवा लेते हैं तो दवा शरीर की सुरक्षा पद्धति को सक्रिय बनाती है और उन्हें स्वयं ठीक होने में मदद करती है। होम्योपैथी सिर्फ सामान्य सी दिखने वाली बीमारियों को ठीक करने में ही उपयोगी नहीं हैं, अपितु असाध्य एवं जटिल रोगों में भी काफी प्रभावशाली है। होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति की दवा जबान पर रखते ही अपना असर दिखाना शुरू कर देती है। वर्तमान में लगभग 3 हजार तत्वों का होम्योपैथी में इस्तेमाल हो रहा है। अब चाहे सर्दी-जुकाम हो या फिर विभिन्न क्रानिक बीमारियां जैसे अस्थमा, एलर्जी और आटोइम्यून डिस्आरडर, दवा की न्यूनतम खुराक से ही बेहतर परिणाम देखने को मिल रहे हैं।
हर समय कारगर है होम्योपैथी चिकित्सा-
उज्जैन के होम्योपैथी चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ सिद्धार्थ मारोठिया बताते हैं कि होम्योपैथी चिकित्सा हर समय कारगर है, सही दवा एवं सही मात्रा में ली गई दवा शरीर की सुरक्षा पद्धति को सक्रिय बनाती है और उन्हें स्वयं ठीक होने में मदद करती है। होम्योपैथी दवाओं का बाजार तेजी से बढ रहा है। विश्व के 66 से अधिक देशों मे लोगों द्वारा इस पर भरोसा किया जाता है। हर साल 20 हजार नए होम्योपैथ चिकित्सक के साथ पंजीकृत 2.40 लाख से अधिक होम्योपैथी चिकित्सक हैं। होम्योपैथी उपचार अब कंपनियों द्वारा उनकी व्यापक स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के तहत दिए जा रहे हैं। चिकित्सा की एक वैकल्पिक प्रणाली होने से आज होम्योपैथी चिकित्सा की एक पूरक प्रणाली है और इसका उपयोग एलोपैथी के साथ भी किया जा सकता है। साथ ही यह बच्चों सहित सभी पुरुषों, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए प्राकृतिक और सुरक्षित है। डॉ. मारोठिया के अनुसार होम्योपैथी सुरक्षा और अपने उपयोगिता के प्रभावशाली ट्रेक रिकार्ड के साथ न केवल भविष्य की दवा है, बल्कि निवारक स्वास्थ्यवर्धक के रूप में भी उपयोगी है।