महर्षि पाणिनी संस्कृत विश्वविद्यालय की भूमि पर जैन मंदिर बनाने का प्रयास -कुलसचिव की शिकायत पर श्री राजेन्द्रसुरी शोध संस्थान पर केस दर्ज

दैनिक अवंतिका(उज्जैन) महर्षि पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के अधिपत्य की भूमि पर कब्जा कर जैन मंदिर बनाने का प्रयास करने पर पुलिस ने श्री राजेन्द्रसुरी शोध संस्थान के अध्यक्ष और जेबीसी चालक सहित एक अन्य पर धारा 447 का प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया है। देवासरोड स्थित महर्षि पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ दिलीप सोनी ने शुक्रवार को नागझिरी थाने पहुंचकर शिकायती आवेदन देकर बताया कि 10 अप्रैल को शासकीय अवकाश का दिन था। दोपहर 3 बजे विश्वविद्यालय परिसर के अंदर श्री राजेन्द्रसुरी शोध संस्थान की ओर से स्वयं की बाउंड्रीवाल तोड़कर विश्वविद्यालय के अधिपत्य की भूमि में प्रवेश किया गया। रास्ता बनाकर जेसीबी अंदर लाई गई। जानकारी मिलने पर विश्वविद्यालय के गेट पर तैनात सुरक्षा गार्ड भैरूलाल प्रजापति और कर्मचारी शंकरसिंह खिंची प्रोफेसर डॉ. अखिलेश कुमार द्विवेदी के साथ पहुंचे। स्टॉफ भी जानकारी लगने पर आ गया था। यह देख भूमि पर कब्जा करने आये जेसीबी चालक और अन्य भाग निकले। दूसरे दिन दोपहर में फिर से जेसीबी ने परिसर में प्रवेश किया। तभी सुरक्षा गार्ड ने सूचना दी। कर्मचारी शंकरसिंह खिंची और केशव श्रोत्रिय मौके पर पहुंचे। उन्होने तोडफोड का विरोध किया तो वहां उपस्थित श्री राजेन्द्रसुरी शोध संस्थान के कर्मचारी पिंकेश सोलंकी और जेसीबी चालक ओमप्रकाश ने विवाद करते हुए कहा कि ट्रस्ट के अध्यक्ष के निर्देश पर साफ-सफाई कर जमीन को बराबर किया जा रहा है। यहां जैन मंदिर का निर्माण होना है। उन्होने विश्वविद्यालय परिसर में लगे 40 पेड़ उखाड दिये थे। कुलसचिव ने मामले में प्रकरण दर्ज करने की बात कहीं। पुलिस ने जांच के बाद पिंकेश सोलंकी, जेसीबी चालक और श्री राजेन्द्रसुरी शोध संस्था के अध्यक्ष के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।

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