आग की घटना के बाद मंदिर समिति गर्भगृह को खाली रखने का प्लान बना रही – महाकाल के पुजारियों में कार्य विभाजन करेंगे ताकि सब एक साथ गर्भगृह में न रहे
– भीड़ के कारण ही अव्यवस्था होती है और भगदड़ मचने की संभावना भी बनती है
दैनिक अवंतिका उज्जैन। महाकाल मंदिर में जल्द पुजारियों में कार्य विभाजन कर दिया जाएगा। ताकि गर्भगृह में एक ही समय में या आरती-पूजा के दौरान एक-दो से अधिक संख्या में पुजारी मौजूद न रहे। दरअसल मंदिर प्रबंध समिति चाहती है कि गर्भगृह अब हमेशा खाली रहे। केवल नियमित आरती-पूजा के समय निर्धारित संख्या में ही पुजारी आए और परंपरा का निर्वहन करते हुए कार्य पूर्ण करें।
मंदिर समिति का मानना है कि गर्भगृह में किसी भी हालत में अब अधिक संख्या में पंडे-पुजारियों को नहीं रहने दिया जाएगा। केवल पंडे-पुजारी ही नहीं बल्कि कर्मचारियों से लेकर सेवकों की संख्या भी बहुत कम कर दी जाएगी। क्योंकि एक्सपर्ट कमेटी ने जांच में जो बिंदु दिए है उसमें यह भी बात शामिल है कि गर्भगृह अत्यधिक छोटा है। ऐसे में यहां बिल्कुल भी भीड़ नहीं होना चाहिए। क्योंकि भीड़ से ही अव्यवस्था होती है और किसी भी घटना के समय भगदड़ भी मच सकती है।
अन्य मंदिरों में ये होता है पुजारी अपने
समय पर सेवा-पूजा कर चले जाते हैं
मंदिर समिति के प्रशासक मृणाल मीणा ने बताया कि जांच टीम ने यह भी माना की देश के अन्य बड़े मंदिरो में भी पण्डे, पुजारियों की संख्या अधिक है। लेकिन वहां कभी एक साथ इतनी संख्या में पुजारी गर्भगृह में प्रवेश नहीं करते हैं। इसके पीछे जानकारी सामने आई है कि वहां उन लोगों के कार्य विभाजन कर रखे है। सब अपने कार्य के समय आते हैं और भगवान की सेवा, पूजा कर चले जाते हैं। अब यहीं व्यवस्था जल्द महाकाल मंदिर में भी पुजारियों पर लागू की जाएगी।
मंदिर में थ्री लेयर की सुरक्षा रहेगी पंडे
पुजारियों का भी सामान चेक होगा
मंदिर में थ्री लेयर सुरक्षा व्यवस्था लागू की जाएगी। मंदिर समिति के प्रशासक मीणा ने बताया कि निजी सुरक्षा एजेंसियों के गार्ड के अलावा पुलिस जवान भी जगह-जगह तैनात रहेंगे। जो कि मंदिर में हर आने-जाने वाले व्यक्ति पर नजर रखने के साथ खासकर यह ध्यान रखेंगे कि वह क्या सामान ले जा रहा है। क्योंकि होली पर भस्मारती में हुई आग की घटना में यह बात सामने आई थी कि क्विंटलों से केमिकल युक्त प्रतिबंधित गुलाल अंदर ले जाया गया था। अब कोई भी प्रतिबंधित सामग्री अंदर नहीं ले जाई सकेगी। मंदिर में आने वाला कोई भी हो पंडे, पुजारी, कर्मचारी, सेवक, नियमित दर्शनार्थी या अन्य यदि उसके पास कोई ऐसा सामान है जो अंदर ले जाना मना है तो उसे गेट पर रोक लिया जाएगा।