छत्रीपुरा थाने में डीसीपी का छापा, पुलिस वालों को वसूली करते रंगेहाथ पकड़ा
क्रिकेट सट्टा के नाम पर मांग रहे थे 44 हजार रुपये
इंदौर। अवैध वसूली की सूचना पर डीसीपी ने खुद थाने पहुंचकर दो पुलिसकर्मियों को रंगेहाथ पकड़ लिया। पुलिसकर्मी एक युवक को क्रिकेट के सट्टे में लिप्त होने की धमकी देकर रुपये मांग रहे थे। डीसीपी ने तत्काल लाइन हाजिर कर दोनों के विरुद्ध जांच बैठा दी है। एक बड़े अधिकारी की भूमिका संदिग्ध है, जिसके अधीन पुलिसकर्मी थे।
मामला छत्रीपुरा थाने का है। जोन-4 के डीसीपी ऋषिकेश मीना को सूचना मिली कि आरक्षक मनमोहन सिंह (2191) और नरेंद्र सिंह (1170) कमलेश नामक युवक को उठाकर ले गए हैं। दोनों पुलिसकर्मी छत्रीपुरा थाना की पहली मंजिल पर कमलेश से पूछताछ के नाम पर रुपयों की मांग कर रहे थे। जानकारी मिलने पर डीसीपी खुद थाने पहुंचे और दोनों को रंगेहाथ पकड़ लिया। मनमोहन सिंह सराफा थाना और नरेंद्र सिंह पंढरीनाथ सराफा एसीपी का चालक निकला।
दोनों को लाइन हाजिर
अलग-अलग जगह पदस्थ होने के बाद भी दोनों पुलिसकर्मी कमलेश से छत्रीपुरा थाना में पूछताछ कर रहे थे। सराफा थाना टीआई दीपक यादव और छत्रीपुरा टीआई अजय राजोरिया खुद पूछताछ से अनजान थे। डीसीपी ने दोनों को लाइन हाजिर कर जांच के आदेश दे दिए।
एसीपी कार्यालय से जुड़े थे पुलिसकर्मी
अवैध वसूली की शिकायत नेताओं द्वारा पहुंची थी। डीसीपी ने दोनों टीआई और एसीपी से भी इस संबंध में बात नहीं की। स्वयं थाने पहुंचे और पुलिसकर्मियों को बुला लिया। बताते हैं कि मनमोहन सिंह एसीपी कार्यालय में ही रहता था।
पुजारी से पुलिसकर्मी ने 44 हजार वसूले
अवैध वसूली का जोन-2 में भी मामला आया है। शांति अपार्टमेंट क्लर्क कालोनी निवासी पुजारी अशोक कुमार ने परदेशीपुरा के दो पुलिसकर्मियों के विरुद्ध शिकायत की है। आरोप है कि पुलिसवालों ने साजिश के तहत बुलाया और गाड़ी की डिक्की में गांजा का पार्सल रखकर वीडियो बना लिया। दिनभर थाने में रखा और 44 हजार रुपये लेकर छोड़ा। डीसीपी अभियान विश्वकर्मा ने परदेशीपुरा के एसीपी नरेंद्र रावत को जांच सौंपी है।