अब रिपोर्ट कार्ड में टीचर्स,अभिभावक, छात्र एवं सहपाठी की भूमिका होगी

 

-केंद्रीय विद्यालयों सहित सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन स्कूलों में इस सत्र से व्यवस्था लागू होगी

 

उज्जैन। सीबीएसई में प्री प्रायमरी और प्रायमरी स्कूलों में एजूकेशन में कई बदलाव के तहत आगामी शिक्षा सत्र 2024-25 में विद्यार्थियों का रिपोर्ट कार्ड टीचर्स के भरोसे नहीं रहेगा। अब रिपोर्ट कार्ड में विद्यार्थी खूद उसके अभिभावक सहपाठी और टीचर्स की संयुक्त भूमिका होगी। सभी इसमें भागीदारी निभाएंगे। अब विद्यार्थी का रिपोर्ट कार्ड उसके चहुंमुखी विकास पर निर्भर रहेगा।

 

केंद्रीय विद्यालयों सहित सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन स्कूलों में सत्र 2024-25 में यह व्यवस्था लागू हो गई है। अब विद्यार्थियों का रिपोर्ट कार्ड सिर्फ टीचर्स के भरोसे नहीं रहेगा। विद्यार्थियों के अभिभावक और सहपाठी समेत वह खुद भी इसमें पूरी भागीदारी निभाएंगे। एज्यूकेशन एक्सपर्ट बताते हैं कि सीबीएसई में प्री प्रायमरी और  प्रायमरी स्कूलों में एजूकेशन में कई बदलाव हो रहे हैं इन्हें इंटरनेशनल स्टैंडर्ड पर तैयार किया जा रहा है। नए होलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड से पढाने के तरीकों में  भी  बदलाव होंगे। अब इंग्लिश ,मैथ्स में अच्छे मार्क्स से ही काम नहीं चलेगा। जीवन को शिक्षा में उतारना भी जरूरी होगा।

 

होलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड-

प्री-प्राइमरी से 5 वीं कथा तक यह व्यवस्था लागू रहेगी। हालांकि कई शहरों में यह सिस्टम शैक्षणिक सत्र 2023-24 से ही लागू हो गया है। नई एजूकेशन पालिसी 2020 के तहत यह पहल की गई है। इसमें बच्चो को सिर्फ एकेडमिक स्तर पर ही नहीं बल्कि स्किल्स व एक्टिविटी के आधार पर भी स्कोर दिए जाएंगे। इसे होलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड नाम दिया गया है। नेशनल काउंसिल फार एजूकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग एनसीईआरटी  ने इस नई व्यवस्था को तैयार किया है।

चार भाग में रिपोर्ट कार्ड-

इस रिपोर्ट कार्ड को चार भागों में बांटा गया है । पहले भाग में टीचर्स सात कैटेगरी में बच्चों को ग्रेड देंगे। इसमें शारीरिक विकास ,लोगों के इमोशन व व्यवहार समझने की क्षमता,सीखने व समझने की क्षमता,सकारात्मक लर्निंग हेबिट ,कल्चरल डेवलपमेंट जैसी चीजें  शामिल हैं।  हर कैटेगरी में टीचर को छात्र के कौशल के मुताबिक तीप आप्शन नौसिखिया, प्रगतिशील एवं प्रतिभाशाली  में से एक को टीक करना रहेगा। दुसरे भाग में छात्र के अभिभावकों का फीडबेक शामिल होगा। इसमें बच्चे को किस तरह की एक्टिविटी में मजा आता है किस चीज में उसे सपोर्ट चाहिए सहित वैक्सीनेशन जैसी जानकारी देनी होगी। तीसरे भाग में छात्र के सहपाठी भी तीन कैटेगेरी में अपना रिमार्क देंगे। जैसे  दुसरों की मदद करता है, खेलता है और अपनी चीजें शेयर करता है। अंतिम भाग में छात्र स्वयं खूद को रिव्यू करेगा। इसमें भी तीन कैटेगरी है। स्किल्स, आर्ट ,म्यूजिक आदी।